अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में पत्नी निकिता सिंघानिया को मिली जमानत, सास और साले को भी राहत
- अतुल सुभाष बेंगलुरु की एक निजी कंपनी में काम करते थे। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में पारिवारिक विवाद और उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे।
बेंगलुरु सिटी सिविल कोर्ट ने अतुल सुभाष आत्महत्या के मामले में आरोपी उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया और साले अनुराग सिंघानिया को जमानत दे दी है। उत्तर प्रदेश के 34 वर्षीय एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की मौत के मामले में इन तीनों को गिरफ्तार किया गया था। निकिता सिंघानिया को हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया, जबकि उनकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से पकड़ा गया था। बेंगलुरु पुलिस ने बताया कि इन तीनों को दिसंबर की सुबह गिरफ्तार किया गया और स्थानीय अदालत में पेश करने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
अतुल सुभाष का शव नौ दिसंबर को दक्षिण-पूर्व बेंगलुरु के मुन्नेकोलालु में उसके घर पर फंदे से लटका मिला था। सुभाष ने वीडियो और 24 पन्नों के सुसाइड नोट में आरोप लगाया था कि उनसे अलग रह रही उसकी पत्नी और ससुराल वालों ने ‘‘झूठे’’ मामलों में फंसाकर और ‘‘लगातार उत्पीड़न कर’’ उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर किया।
कर्नाटक हाईकोर्ट जा सकता है अतुल का परिवार
निकिता को बेल मिलने के बाद अतुल सुभाष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विनय सिंह ने कहा, "जमानत मंजूर हो गई है। हम ऑर्डर शीट का इंतजार कर रहे हैं... हमारी दलील तथ्यात्मक जानकारी, उत्पीड़न पर थी। फिलहाल सुसाइड नोट को फोरेंसिक को भेजा गया है, लेकिन अभी तक उसे (सबूत के तौर पर) विचार नहीं किया गया है। उनका सुसाइड वीडियो भी फोरेंसिक को भेजा गया है। उनकी लिखावट की भी जांच की जा रही है... हम पूरे परिवार के साथ हैं। हम परिवार को न्याय दिलाने के लिए लड़ रहे हैं... हम इसे (जमानत आदेश) चुनौती देंगे... ऑर्डर शीट देखने और उसका विश्लेषण करने के बाद, हम कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं।"
वहीं सरकारी वकील पोन्नन्ना ने जमानत का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि इसे चुनौती दी जाएगी। वकील ने कहा, "पत्नी, साले और सास तीनों ही जमानत के लिए सत्र न्यायालय के समक्ष आए थे और अब इसकी अनुमति दे दी गई है। हमें अभी आदेश को विस्तार से देखना है। एक बार आदेश को विस्तार से देखने के बाद, हमें पता चल जाएगा कि किस आधार पर जमानत दी गई है या क्या शर्तें लगाई गई हैं। जांच अभी भी लंबित है... उन्हें जमानत ऐसे ही नहीं मिलनी चाहिए थी। क्योंकि जांच पूरी किए बिना ही इन याचिकाकर्ताओं को जमानत मिल गई। हम जमानत आदेश से खुश नहीं हैं और इसे चुनौती दी जाएगी.."
आत्महत्या का आरोप और सबूत
पुलिस के अनुसार, अतुल सुभाष ने कथित तौर पर 24 पन्नों का एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उन्होंने अपनी परेशानी, वैवाहिक समस्याओं और पत्नी, ससुराल वालों एवं उत्तर प्रदेश के एक न्यायाधीश द्वारा किए गए कथित उत्पीड़न का जिक्र किया। इसके अलावा, एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसे इस मामले के मुख्य सबूत के तौर पर देखा जा रहा है। अतुल सुभाष के भाई की शिकायत के आधार पर बेंगलुरु पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया। इस शिकायत में पत्नी निकिता, सास निशा, साले अनुराग और चाचा ससुर सुशील सिंघानिया के खिलाफ नामजद किया गया।
परिवार पर गंभीर आरोप
अतुल सुभाष बेंगलुरु की एक निजी कंपनी में काम करते थे। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में पारिवारिक विवाद और उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे। मामले में अदालत और पुलिस की कार्यवाही के चलते इस घटना ने व्यापक चर्चा और विवाद को जन्म दिया है। मामले की जांच अभी जारी है। पुलिस और न्यायालय इस प्रकरण में सभी सबूतों और आरोपों की गहन जांच कर रहे हैं। परिवार और अन्य पक्षों से पूछताछ भी जारी है।