Hindi Newsदेश न्यूज़Atul Subhash suicide case Karnataka HC rejects plea to quash FIR against Nikita Singhania

आप जांच क्यों नहीं चाहतीं, अतुल सुभाष सुसाइड केस में HC ने निकिता सिंघानिया को दिया झटका

  • अतुल सुभाष सुसाइड मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने निकिता सिंघानिया के खिलाफ एफआईआर रद्द करने की याचिका खारिज कर दी। निकिता से सवाल किया कि आप जांच क्यों नहीं चाहती हो?

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तानMon, 6 Jan 2025 09:29 PM
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बेंगलुरु के AI इंजीनियर अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने निकिता सिंघानिया को झटका देते हुए एफआईआर रद्द करने वाली याचिका खारिज कर दी। बता दें कि सुभाष ने पिछले साल 9 दिसंबर को अपनी पत्नी निकिता पर तलाक के लिए 3 करोड़ की मांग करने और कथित तौर पर प्रताड़ना के आरोप लगाकर सुसाइड कर लिया था। 4 जनवरी को बेंगलुरु की एक अदालत ने निकिता, उनकी मां और भाई को जमानत दे दी थी।

सोमवार को कर्नाटक हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति एसआर कृष्ण कुमार की अध्यक्षता वाली एकल पीठ के समक्ष निकिता सिंघानिया के वकील ने याचिका पेश की। जिसमें निकिता के खिलाफ एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई। अदालत ने मौखिक रूप से आदेश पारित किया और याचिका खारिज कर दी।

आप जांच क्यों नहीं चाहतींः हाई कोर्ट ने पूछा

अतुल सुभाष की पत्नी की मांग को अस्वीकार करते हुए पीठ ने कहा कि एफआईआर में आत्महत्या के लिए उकसाने के तहत मामला दर्ज करने के लिए सब कुछ दिया गया है। पीठ ने कहा, "हम और क्या देख सकते हैं?" पीठ ने निकिता से पूछा, “एफआईआर में प्रथम दृष्टया यही मालूम होता है कि अपराध हुआ है। ऐसे में आप जांच क्यों नहीं कराना चाहतीं?”

इससे पहले निकिता की तरफ से उनके वकील ने अदालत से मांग की कि आत्महत्या के लिए उकसाने के संबंध में एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत में कोई आधार नहीं बनाया गया है, इसलिए उनके मुवक्किल के खिलाफ मुकदमा रद्द किया जाए। यह भी दलील दी गई कि अतुल सुभाष ने निकिता या उसके परिवार के लोगों द्वारा किए गए ऐसे किसी भी कृत्य का उल्लेख नहीं किया है, जिसके कारण उन्हें आत्महत्या करनी पड़ी।

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वकील ने आगे तर्क दिया कि याचिकाकर्ता को कानूनी मदद लेने का पूरा अधिकार है और अतुल सुभाष के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने मात्र से उनके (निकिता) खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया जा सकता।

निकिता, उनकी मां और भाई जमानत पर बाहर

इससे पहले 4 जनवरी को बेंगलुरु शहर की एक अदालत ने आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में निकिता सिंघानिया, उसकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया को जमानत दे दी थी। तीनों आरोपी अदालत के समक्ष पेश हुए थे।

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