Hindi Newsदेश न्यूज़Assam launches financial incentive scheme for girl students to end to child marriages

असम में बाल विवाह रोकने के लिए नई योजना, हर महीने छात्राओं को मिलेंगे इतने रुपए

  • असम में बाल विवाह के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान कर बीच बीजेपी सरकार एक और नई योजना के कर आई है। मुख्यमंत्री निजीत मोइना असोनी योजना के तहत ग्यारहवीं से लेकर स्नातकोत्तर तक की छात्राओं के बैंक अकाउंट में हर महीने 1000 से 2500 रुपए भेजे जाएंगे।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तान, गुवाहाटीThu, 8 Aug 2024 09:54 AM
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असम में बाल विवाह को रोकने की दिशा में बीजेपी सरकार ने गुरुवार को एक योजना शुरू की है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने योजना का शुभारंभ किया है। मुख्यमंत्री निजीत मोइना असोनी योजना के तहत ग्यारहवीं से लेकर स्नातकोत्तर तक की छात्राओं के बैंक अकाउंट में हर महीने 1000 से 2500 रुपए भेजे जाएंगे। योजना में लगभग 10 लाख छात्राओं को शामिल किया जाएगा और पहले साल में इस पर 300 करोड़ रुपये खर्च किए जायेंगे। वहीं पांच साल की अवधि में लगभग 1500 करोड़ रुपये खर्च किए जायेंगे।

योजना के तहत 10वीं कक्षा पास करने वाली और 11वीं कक्षा में दाखिला लेने वाली छात्राओं को 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा पूरी करने तक दो साल तक 1000 रुपये प्रति माह मिलेंगे। सरमा ने कहा कि यह राशि हर महीने की 11 तारीख को उनके बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी। 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा पूरी करने वाली और डिग्री कोर्स में दाखिला लेने वाली लड़कियों को स्नातक की पढ़ाई पूरी करने तक अगले तीन/चार साल तक हर महीने 1250 रुपये मिलेंगे। वहीं स्नातकोत्तर और बीएड कोर्स में दाखिला लेने वाली छात्राओं को अपने कोर्स खत्म होने तक 2500 रुपये प्रति माह मिलेंगे। सरमा ने कहा कि इस योजना से उन अभिभावकों पर बोझ कम होगा जो आर्थिक तंगी के कारण अपनी बेटियों को नहीं पढ़ा पाते हैं। मौजूदा योजना का लाभ सभी लोग उठा सकते हैं चाहे उनकी आर्थिक स्थिति कैसी भी हो।

बाल विवाह को जड़ से खत्म करना है उद्देश्य- हिमंत

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने योजना शुरू करते हुए कहा है कि इसका उद्देश्य बाल विवाह को जड़ से खत्म करना है। उन्होंने कहा, “इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में बाल विवाह को खत्म करना है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2019-21 में पाया गया था कि 20-24 आयु वर्ग की 31.8% महिलाएं मां बन चुकी थीं। इससे पता चलता है कि इनमें से अधिकांश महिलाओं की शादी 18 साल की उम्र से पहले ही हो गई थी।” इस दौरान सीएम ने योजना के बारे में बताते हुए कहा, "इससे पता चलता है कि बहुत कम उम्र में उनकी शादी कर दी गई थी, जब वे परिपक्व भी नहीं थीं। उन्होंने अपनी पढ़ाई भी पूरी नहीं की थी और वे शारीरिक रूप से बच्चे पैदा करने में सक्षम नहीं थीं। कुछ मामलों में ये लड़कियां घरेलू हिंसा का शिकार भी हुईं। इस नई योजना का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को पढ़ाई जारी रखने, आर्थिक रूप से आजाद होने और सही उम्र में शादी करने के लिए प्रोत्साहित करना है।"

बाल विवाह के खिलाफ चलाए जा रहे हैं कई अभियान

पिछले साल से असम सरकार ने बाल विवाह के खिलाफ कई अभियान चलाए हैं और कम उम्र के बच्चों की शादी करने वाले, उनकी शादियां करवाने वाले और अपने नाबालिग बच्चों को शादी के लिए मजबूर करने वाले माता-पिता को गिरफ्तार किया गया है।

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