आशा कार्यकर्ताओं ने कटवाए बाल, सिर भी मुंडवाया; रोते हुए कहा- कैसे गुजारा करेंगे
- प्रदर्शनकारी महिला ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगें पूरी करने से इनकार कर दिया तो सभी प्रदर्शनकारी यहीं मर जाएंगे। महिला ने आरोप लगाया, ‘हम पिछले 50 दिनों से भीषण गर्मी और बारिश से जूझते हुए अपना प्रदर्शन कर रहे हैं।'

केरल में आशा कार्यकर्ताओं ने सचिवालय के बाहर सोमवार को अपना प्रदर्शन और तेज कर दिया। उन्होंने अपनी मांगों को लेकर सरकार पर उदासीनता का आरोप लगाया। इसके खिलाफ विरोध जताते हुए उन्होंने अपने बाल कटवा लिए और कुछ कार्यकर्ताओं ने अपने सिर भी मुंडवा लिए। आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन सोमवार को 50वें दिन भी जारी रहा। एक प्रदर्शनकारी हताशा के कारण इतनी भावुक हो गईं कि वह फूट-फूटकर रोने लगीं। इसके उन्होंने विरोध जताने के लिए पूरी तरह अपना सिर मुंडवा लिया। महिला ने अपने कटे बलों को हाथ में पकड़े और रोते हुए कहा, ‘ये हमारी जिंदगी है जो कट रही है। हमारा प्रदर्शन उन मंत्रियों के खिलाफ है जो हमारे दर्द और समस्याओं पर आंखें मूंद लेते हैं। हम 232 रुपये प्रतिदिन की मामूली आय पर कैसे गुजारा करेंगे?’
प्रदर्शनकारी महिला ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगें पूरी करने से इनकार कर दिया तो सभी प्रदर्शनकारी यहीं मर जाएंगे। महिला ने आरोप लगाया, ‘हम पिछले 50 दिनों से भीषण गर्मी और बारिश से जूझते हुए अपना प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार को हमारी कोई परवाह नहीं है।’ आशा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाली नेताओं में से एक मिनी एस ने कहा कि सरकार के खिलाफ कड़ा विरोध जताने के वास्ते उन्हें बाल कटवाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा, ‘सरकार ने हमारी किसी भी मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार नहीं किया है। हम भावनात्मक रूप से विरोध नहीं कर रहे हैं। यह हमारा कड़ा विरोध है। हम पूरे राज्य में प्रदर्शन करेंगे।’
बालों को हाथों में लेकर एमजी रोड पर निकाला मार्च
प्रदर्शनकारियों ने बाद में कटे हुए बालों को हाथों में लेकर व्यस्त एमजी रोड पर मार्च निकाला। अलप्पुझा और अंगमाली में प्रदर्शन कर रहीं कार्यकर्ताओं ने भी बाल कटवाकर विरोध जताया। आशा कार्यकर्ताओं के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए कुछ पुरुषों ने भी अपना सिर मुंडवा लिया। प्रदर्शनकारी पिछले एक सप्ताह से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल भी कर रहे हैं। आशा कार्यकर्ताओं का एक वर्ग सेवानिवृत्ति के बाद लाभ और मानदेय में वृद्धि सहित विभिन्न मांगों के लिए पिछले कई हफ्तों से प्रदर्शन कर रहा है। केरल की वामपंथी सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मानदेय में इतनी अधिक वृद्धि व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। साथ ही, कहा कि आशा कार्यकर्ताओं की मांगों पर ध्यान देना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है।