केरल यूनिवर्सिटी के फैकल्टी मेंबर के पास से MBA की आंसर शीट गायब, मचा भारी बवाल
- आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदु ने स्वीकार किया कि संकाय सदस्य का कृत्य घोर लापरवाही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करेगी।

केरल यूनिवर्सिटी के एक फैकल्टी मेंबर के पास से 71 MBA छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं गायब हो गईं। इसे लेकर राज्य में विवाद पैदा हो गया है। विपक्षी दल संयुक्त लोकतंत्रिक मोर्चा (UDF) ने इसे उच्च शिक्षा क्षेत्र में कुप्रबंधन और राजनीतिकरण का उदाहरण बताया है। वर्ष 2022-24 बैच की तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा से प्रोजेक्ट फाइनेंस विषय की उत्तर पुस्तिकाएं गायब हैं, जो महीनों पहले जांच के लिए संकाय सदस्य को सौंपी गई थीं। विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने शनिवार को विश्वविद्यालय पर सिलेबस पूरा होने के बाद भी नतीजे में देरी करके मामले को छुपाने का आरोप लगाया।
आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदु ने स्वीकार किया कि संकाय सदस्य का कृत्य घोर लापरवाही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करेगी। उन्होंने शनिवार को मीडिया से कहा, ‘सरकार इस मामले को पूरी गंभीरता से ले रही है। विश्वविद्यालय इस मुद्दे को राज्य पुलिस प्रमुख के समक्ष उठाएगा।’ मंत्री ने कहा कि उत्तर पुस्तिकाओं का गायब होना सुनियोजित कदम का हिस्सा हो सकता है। बिंदु ने कहा, ‘संकाय सदस्य पूरे समय चुप रहे, जो उनकी ओर से गंभीर चूक का संकेत है।’
'राजनीतिकरण से शिक्षा क्षेत्र को नुकसान'
सतीशन ने एक बयान में आरोप लगाया कि उत्तर पुस्तिकाओं का गायब होना इस बात का एक और उदाहरण है कि किस तरह सरकार के कुप्रबंधन और राजनीतिकरण ने उच्च शिक्षा क्षेत्र को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि उत्तर पुस्तिकाओं के गायब हो जाने के कारण छात्रों का भविष्य अनिश्चित हो गया है। विपक्ष के नेता ने कहा, 'विश्वविद्यालय ने अब छात्रों से 10 महीने पहले आयोजित की गई परीक्षा दोबारा देने को कहा है। विश्वविद्यालय की ओर से की गई गलती के लिए छात्रों को दंडित करना अस्वीकार्य है।'
अब उठ रहे तमाम तरह के सवाल
यह घटना तब सामने में आई, जब पलक्कड़ निवासी एक संकाय सदस्य ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों को बताया कि बाइक से यात्रा के दौरान उत्तर पुस्तिकाएं उसके पास से गायब हो गई थीं। विवाद बढ़ने पर संकाय सदस्य प्रमोद ने शनिवार को विश्वविद्यालय की उस प्रथा को दोषी ठहराया, जिसमें शिक्षकों को घर से उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने की अनुमति दी गई है। उन्होंने एक टीवी चैनल से कहा, ‘मैं इस मुद्दे पर कानूनी रूप से लड़ने के लिए तैयार हूं।’ इस बीच, छात्रों ने उत्तर पुस्तिकाएं गायब होने के मद्देनजर दोबारा परीक्षा कराने के विश्वविद्यालय के फैसले पर चिंता और असंतोष व्यक्त किया है।