'तिरुपति लड्डू में मिलावट' की SIT जांच रोकी गई, आंध्र प्रदेश के डीजीपी ने बताई वजह
- DGP ने कहा कि पिछले दो दिनों में एसआईटी ने खरीद और नमूनाकरण प्रक्रियाओं की जांच की है तथा यह समझने की कोशिश की है कि लड्डुओं में मिलावट कैसे संभव है।
आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने तिरुपति के लड्डू में पशु चर्बी के कथित मिलावट मामले की जांच अस्थायी रूप से रोक दी है। आंध्र प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) द्वारका तिरुमाला राव ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जांच इसलिए रोकी गई है क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
राव ने कहा कि पिछले दो दिनों में एसआईटी ने खरीद और नमूनाकरण प्रक्रियाओं की जांच की है तथा यह समझने की कोशिश की है कि लड्डुओं में मिलावट कैसे संभव है। डीजीपी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सबसे पहले उन्हें (एसआईटी को) प्रक्रिया को समझना होगा, उसका अध्ययन करना होगा और सारी जानकारी लेनी होगी, लेकिन इस बीच उच्चतम न्यायालय से एक आदेश आ गया और उसके अनुरूप हमने इसे (जांच को) रोक दिया है।’’
उन्होंने कहा कि जब मामला उच्चतम न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है तो इस पर अधिक बात करना उचित नहीं है। उच्चतम न्यायालय में तीन अक्टूबर को मामले पर अगली सुनवाई होगी। शीर्ष अदालत कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिनमें तिरुपति के लड्डू बनाने में पशु वसा के इस्तेमाल के आरोपों की अदालत की निगरानी में जांच का अनुरोध वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
इससे पहले आंध्र प्रदेश विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कहा था कि पिछली युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार के दौरान प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू (पवित्र मिठाई) बनाने में कथित तौर पर पशु वसा के इस्तेमाल की गहन जांच की जाएगी। एसआईटी प्रमुख सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने कहा कि टीम तमिलनाडु स्थित एआर डेयरी की जांच करेगी, जिसने कथित तौर पर मिलावटी घी की आपूर्ति की थी।
(इनपुट एजेंसी)