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मुस्लिमों को 10% आरक्षण देना चाहती है कांग्रेस, OBC से छीनने की तैयारी: अमित शाह

  • अमित शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ओबीसी, आदिवासियों और दलितों का आरक्षण छीनने पर तुली हुई है। उसने इसे अल्पसंख्यकों को देने की योजना बनाई है।

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानSun, 10 Nov 2024 07:58 AM
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भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर मुस्लिम आरक्षण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। भगवा दल की ओर से कहा गया, 'कांग्रेस की महाराष्ट्र यूनिट ने मुस्लिम संस्था को भरोसा दिलाया है कि राज्य में एमवीए सरकार बनने पर वह उसकी मांगों को पूरा करने के लिए कदम उठाएगी। इसमें सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दाखिले में अल्पसंख्यक समुदाय को 10 फीसदी आरक्षण देना और आरएसएस पर प्रतिबंध लगाना शामिल है।' केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया कि बीजेपी कभी भी कांग्रेस को अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण लागू नहीं करने देगी।

अमित शाह ने पलामू में शनिवार को भाजपा की चुनावी रैली को संबोधित किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ओबीसी, आदिवासियों और दलितों का आरक्षण छीनने पर तुली हुई है। उसने इसे अल्पसंख्यकों को देने की योजना बनाई है। शाह ने कहा, ‘कांग्रेस OBC को आरक्षण के खिलाफ है। उसने महाराष्ट्र में उलेमाओं के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान अल्पसंख्यकों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा कभी धर्म के आधार पर आरक्षण देने नहीं देगी।’ झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के तहत मतदान 13 और 20 नवंबर को होना है। मतगणना 23 नवंबर को होगी।

'RSS पर प्रतिबंध लगाने की हो रही मांग'

इससे पहले, बीजेपी के सीनियर नेता रविशंकर प्रसाद ने दावा किया कि ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने एमवीए नेताओं को पत्र लिखकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सशर्त समर्थन देने की पेशकश की है। प्रसाद ने कहा, 'एआईयूबी ने अपने पत्र में कहा कि अगर नाना पटोले (कांग्रेस), उद्धव ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी), शरद पवार (एनसीपी-एसपी) और अन्य दल उनका समर्थन चाहते हैं, तो उन्हें उनकी मांगें पूरी करनी होंगी। इनमें वक्फ विधेयक का विरोध करना और नौकरियों व शिक्षण संस्थाओं में दाखिले में मुसलमानों को 10 फीसदी आरक्षण देना भी शामिल है।' एआईयूबी ने मांग की है कि अगर महाराष्ट्र में एमवीए की सरकार बनती है, तो RSS पर प्रतिबंध लगाया जाए। उन्होंने संगठन की मांगों को विभाजनकारी और देश के विघटन का मांगपत्र करार दिया।

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