Hindi Newsदेश न्यूज़Amid Middle-East Crisis India Again Imports Crude Oil From Russia jump up to 40 percent

मिडिल-ईस्ट में उलझी रही दुनिया, भारत ने रूस से फिर मंगवा लिया कच्चा तेल; लगाई एक से 40% तक की छलांग

सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) ने एक रिपोर्ट में कहा कि चीन ने रूस के कच्चे तेल निर्यात का 47 प्रतिशत खरीदा, उसके बाद भारत (37 प्रतिशत), यूरोपीय संघ (सात प्रतिशत) और तुर्किये (छह प्रतिशत) रहा। सिर्फ तेल ही नहीं, बल्कि चीन और भारत ने रूस से कोयला भी खरीदा है।

Pramod Praveen भाषा, नई दिल्लीThu, 15 Aug 2024 09:55 AM
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दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल उपभोक्ता और आयातक भारत ने जुलाई में रूस से 2.8 अरब डॉलर का कच्चा तेल खरीदा है। इस लिहाज से भारत चीन के बाद दूसरे स्थान पर है, जो रूसी तेल का सबसे बड़ा आयातक बना हुआ है। एक रिपोर्ट के अनुसार, रूस भारत के लिए कच्चे तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बनकर उभरा है। इस तेल को रिफाइनरियों में पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन में परिवर्तित किया जाता है। फरवरी, 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद कुछ यूरोपीय देशों द्वारा रूस से खरीद से परहेज करने के बाद रूसी तेल छूट पर उपलब्ध था।

रूस से कच्चे तेल का आयात यूक्रेन युद्ध से पहले कुल आयातित तेल का एक प्रतिशत से भी कम था। यह अब भारत की कुल तेल खरीद का लगभग 40 प्रतिशत हो गया है।

सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) ने एक रिपोर्ट में कहा कि चीन ने रूस के कच्चे तेल निर्यात का 47 प्रतिशत खरीदा, उसके बाद भारत (37 प्रतिशत), यूरोपीय संघ (सात प्रतिशत) और तुर्किये (छह प्रतिशत) रहा। सिर्फ तेल ही नहीं, बल्कि चीन और भारत ने रूस से कोयला भी खरीदा है।

रिपोर्ट के अनुसार, “पांच दिसंबर, 2022 से जुलाई, 2024 के अंत तक चीन ने रूस के कुल कोयला निर्यात का 45 प्रतिशत खरीदा, उसके बाद भारत (18 प्रतिशत) का स्थान रहा। तुर्किये (10 प्रतिशत), दक्षिण कोरिया (10 प्रतिशत) और ताइवान (पांच प्रतिशत) शीर्ष पांच खरीदार हैं।”

रियल टाइम एनर्जी कार्गो ट्रैकिंग फर्म वोर्टेक्सा के आंकड़ों के अनुसार, जून महीने के दौरान भारत के कच्चा तेल आयात में रूस का हिस्सा बढ़कर 42 फीसदी पर पहुंच गया था। उससे एक महीने पहले यानी मई 2024 में रूस की हिस्सेदारी 37 फीसदी रही थी। बता दें कि फरवरी 2022 में यूक्रेन संग जंग छेड़ने वाले रूस पर अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगा दिया था और उससे कच्चे तेल खरीद पर भी रोक लगा दी थी लेकिन भारत ने इस आपदा में कूटनीतिक चाल चलते हुए रूस से बड़े पैमाने पर तेल आयात किया है।

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