PM मोदी के सामने अमेरिकी पॉडकास्टर ने सुनाया गायत्री मंत्र, पूछा- कैसा बोला मैंने; मिला यह जवाब
- गायत्री मंत्र सुनाने के बाद पॉडकास्टर लेक्स ने पीएम मोदी से पूछा कि मैंने कैसा बोला? इस पर प्रधानमंत्री ने जवाब दिया कि काफी अच्छा किया आपने। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सूर्य उपासना से जुड़ा हुआ है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर, प्रभावशाली होस्ट और एमआईटी के शोध वैज्ञानिक लेक्स फ्रिडमैन के साथ तीन घंटे लंबा पॉडकास्ट इंटरव्यू किया। इस दौरान उन्होंने निजी जिंदगी, रूस-यूक्रेन युद्ध, चीन संग रिश्ते, डोनाल्ड ट्रंप समेत तमाम मुद्दों पर जवाब दिया। पॉडकास्टर ने इस दौरान बताया कि उन्होंने इंटरव्यू के लिए पिछले 45 घंटों से उपवास रखा हुआ है, जिसमें सिर्फ पानी का ही सेवन किया। लेक्स फ्रिडमैन ने इंटरव्यू के दौरान ही पीएम मोदी के सामने गायत्री मंत्र भी सुनाया और पूछा कि उन्होंने मंत्र कैसा बोला है।
लेक्स फ्रिडमैन ने पीएम मोदी से कहा, ''मैं अभी सोच रहा था कि क्या आप मुझे हिंदू प्रार्थना या ध्यान लगाना सिखा सकते हैं थोड़ी देर के लिए? मैंने गायत्री मंत्र सीखने की कोशिश की और उपवास के दौरान मंत्रों का जाप करने की कोशिश कर रहा था। आप मुझे मंत्रों के बारे में बता सकते हैं और इनका आपकी जिंदगी पर क्या असर पड़ा?'' इसके बाद उन्होंने गायत्री मंत्र सुनाया-
ॐ भूर्भुवः स्व:
तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो
देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्।
गायत्री मंत्र सुनाने के बाद लेक्स ने पीएम से पूछा कि मैंने कैसा बोला? इस पर प्रधानमंत्री ने जवाब दिया कि काफी अच्छा किया आपने। प्रधानमंत्री ने भी गायत्री मंत्र सुनाते हुए कहा कि यह सूर्य उपासना से जुड़ा हुआ है। जो मंत्र हैं, उनका विज्ञान से कोई न कोई नाता है। विज्ञान, प्रकृति से कहीं न कहीं जुड़ा हुआ होता है। मंत्र का पाठ करने से बहुत बड़ा लाभ मिलता है। फ्रेक्स ने पूछा कि जब आप शांत पलों में ईश्वर के साथ होते हैं तो मंत्र इसमें कैसे मदद करता है? इस पर प्रधानमंत्री ने जवाब दिया कि जब लोगों को मेडिटेशन कहते हैं तो यह बहुत भारी शब्द हो जाता है। भारतीय भाषाओं में हम इसे ध्यान कहते हैं। अगर मैं मेडिटेशन को बोलूं तो यह बहुत बोझिल लगेगा, लेकिन फिर मैं समझाता हूं कि जो बेजान होने की आदत है, उससे मुक्ति लो। जैसे क्लास में बैठे हो तो लगता है कि खेल का पीरियड कब आएगा। यानी कि ध्यान नहीं है। अगर ध्यान यहां लगाओ, इसी को ध्यान लगाना कहते हैं।
पीएम मोदी ने सुनाया हिमालय का किस्सा
उन्होंने कहा कि मुझे याद है कि जब मैं हिमालय पर था तो मुझे एक संत मिले, उन्होंने मुझे एक तकनीक सिखाई। हिमालय में झरने बहते हैं। उन्होंने सूखे पत्तल का टुकड़ा झरने पर लगा दिया और नीचे एक बर्तन रख दिया। उसमें से टपककर पानी गिरता था। उन्होंने कहा कि तुम बस इसी की आवाज सुनो, कोई और आवाज नहीं सुनाई देगी। मेरा अनुभव था कि पानी की बूंद बर्तन पर गिरने की जो आवाज थी, उसको लेकर मेरा माइंड ट्रेन हो गया। कोई मंत्र या परामात्मा नहीं था। धीरे-धीरे यह मेरा मेडिटेशन बन गया। उन्होंने आगे बताया कि कोई फाइव स्टार होटल है, लेकिन बाथरूम से पानी टपक रहा है तो वह छोटी सी आवाज हजारों रुपये वाले कमरे को भी बेकार बना देती है।