कांग्रेस के ईवीएम विरोध की बैट्री डाउन, उमर अब्दुल्ला के बाद ममता की पार्टी ने भी सुना डाला
- अभिषेक बनर्जी ने कहा, 'मेरी राय है कि जो लोग ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं। उन्हें चुनाव आयोग के पास जाना चाहिए और उन्हें बताएं कि आखिर ईवीएम में उन्हें क्या खामी मिली है। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि इलेक्शन कमिशन को डेमो दिखानी चाहिए कि हमारे पास यह वीडियो है।
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से मतदान कराने के खिलाफ अभियान खड़ा करने की कोशिश में जुटी कांग्रेस को साथियों से ही झटका हाथ लगा है। उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस की ओर से ईवीएम पर आपत्तियों को खारिज कर दिया था और अब ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने भी सवाल उठाया है। ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी का कहना है कि ईवीएम पर सवाल उठाने से कोई फायदा नहीं है। यदि किसी के पास कोई सबूत है तो फिर उन्हें चुनाव आयोग को सौंपना चाहिए। वहां डेमो पेश करके बताना चाहिए कि आखिर ईवीएम में उन्होंने क्या गड़बड़ियां पकड़ ली हैं।
अभिषेक बनर्जी ने कहा, 'मेरी राय है कि जो लोग ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं। उन्हें चुनाव आयोग के पास जाना चाहिए और उन्हें बताएं कि आखिर ईवीएम में उन्हें क्या खामी मिली है। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि इलेक्शन कमिशन को डेमो दिखानी चाहिए कि हमारे पास यह वीडियो है। हाल ही में तो चुनाव आयोग ने ऐसे लोगों को बुलाया था, जिनकी कुछ शिकायत है। बूथ पर जो काम करता है, वह यदि मॉक पोल के टाइम चेक करे और फिर काउंटिंग के समय चेक करेंगे तो कोई गड़बड़ी नहीं होगी। फिर भी किसी को लगता है कि ईवीएम हैक हो सकती है या खेल किया जा सकता है तो फिर चुनाव आयोग को दिखाएं कि कैसे मशीनों में गड़बड़ी हो सकती है।'
टीएमसी के सांसद ने सदन के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यदि फिर भी किसी को लगता है तो वह जमीन पर उतरे और आंदोलन करे। ऐसे दो या तीन बयान जारी करने से तो कुछ नहीं होता है। कोई भी आंदोलन जमीन पर करना होगा। बता दें कि उमर अब्दुल्ला ने भी कहा था कि जब इसी ईवीएम के इस्तेमाल से (हुए चुनाव के बाद) संसद में आपके सौ से अधिक सदस्य पहुंच जाते हैं और आप इसे अपनी पार्टी के लिए जीत का जश्न मनाते हैं, तो आप कुछ महीने बाद पलटकर यह नहीं कह सकते कि... हमें ये ईवीएम पसंद नहीं हैं क्योंकि अब चुनाव के परिणाम उस तरह नहीं आ रहे हैं जैसा हम चाहते हैं।
उनकी इस टिप्पणी पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की थी। कांग्रेस सांसद मणिक्कम टैगोर ने कहा था कि आप मुख्यमंत्री बनने के बाद कैसे बदल गए हैं। लोकसभा में पार्टी के सचेतक टैगोर ने यह सवाल भी किया कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उमर का अपने सहयोगी दलों के प्रति ऐसा रवैया क्यों है? टैगोर ने अब्दुल्ला के इंटरव्यू का वीडियो सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर रिपोस्ट करते हुए कहा, ‘यह समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) और शिवसेना (उबाठा) हैं जिन्होंने ईवीएम के खिलाफ बात की है। मुख्यमंत्री अमर अब्दुल्ला, कृपया अपने तथ्यों की जांच करें।’