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कायर पाकिस्तान ने बच्चों तक को मार डाला, अफगानी कभी भूलते नहीं; तालिबान ने दी अंजाम भुगतने की धमकी

  • पाक ने पिछले दिनों अफगानिस्तान के पाकतीका में भीषण हमले किए थे। पाकिस्तान का कहना था कि उसने ये हमले आतंकी ठिकानों पर किए हैं, लेकिन अफगानिस्तान इस पर भड़क गया है। अफगानिस्तान की सत्ता संभालने वाले तालिबान के कार्य़वाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने पाकिस्तान को अंजाम भुगतने की धमकी दी है। उ

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, काबुलFri, 27 Dec 2024 01:02 PM
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पाकिस्तान ने पिछले दिनों अफगानिस्तान के पाकतीका प्रांत में भीषण हमले बोले थे। पाकिस्तान का कहना था कि उसने ये हमले आतंकी ठिकानों पर किए हैं, लेकिन अफगानिस्तान इस पर भड़क गया है। अफगानिस्तान की सत्ता संभालने वाले तालिबान के कार्य़वाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने पाकिस्तान को अंजाम भुगतने की धमकी दी है। उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान के इन कायराना हमलों को कभी नहीं भूलेंगे। इसका बदला लिया जाएगा। सोवियत संघ के अफगानिस्तान पर कब्जे की 45वीं बरसी के मौके पर तालिबान लीडकर ने कहा कि पाकिस्तान जैसे देशों को रूस, ब्रिटेन और नाटो से सीख लेनी चाहिए। इन सभी देशों को अफगानिस्तान ने सबक सिखाया था।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को सोच-समझकर ही अफगानिस्तान के बारे में कोई कदम उठाना चाहिए। मुत्ताकी ने कहा कि बच्चों को मारना, महिलाओं और बुजुर्गों का कत्ल करना कोई बहादुरी नहीं है। यह कोई साहस नहीं है कि लोगों के घरों को तबाह कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि वजीरिस्तान के लोग भी आज पाकिस्तान के चलते बेघर हो गए हैं। वहीं तालिबान के डिप्टी पीएम मावलावी अब्दुल कबीर ने काबुल यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में कहा कि हमने अपनी जमीन से किसी उग्रवादी समूह को ऑपरेशन का मौका नहीं दिया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान पर गलत आरोप लगाए जाते हैं और इससे नुकसान ही होगा।

वहीं संयुक्त राष्ट्र संघ का भी कहना है कि पाकिस्तान के हमलों में दर्जनों महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे मारे गए हैं। इन हवाई हमलों से बड़ा नुकसान हुआ है। पाकिस्तानी सेना के हवाई हमलों से कुछ इलाकों में बड़ा नुकसान पहुंचा है। अब तक स्पष्ट नहीं है कि तालिबान का ऐक्शन क्या होगा, लेकिन उसके नेताओं का कहना है कि बदला लिया जाएगा। अफगानिस्तान के एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा कि यह हमला बताता है कि न पाकिस्तान को इस्लामिक सिद्धांतों की परवाह है और ना ही वह कूटनीतिक मामलों को महत्व देता है।

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इस हमले में बड़ी संख्या में बच्चे और महिलाएं मारे गए हैं, जो दुख की बात है। दरअसल पाकिस्तान का लगातार आरोप रहा है कि उसके खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सक्रिय आतंकियों को अफगानिस्तान से संरक्षण मिलता रहा है। वहीं खैबर के पश्तूनों की एक आबादी की मांग रही है कि अफगानिस्तान के साथ बॉर्डर को खुला रखा जाए और वहां आना जाना आसान रहे। इस वर्ग का कहना है कि हमारी सीमा के दोनों तरफ रिश्तेदारियां हैं और हमारा कल्चर एक है।

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