महाराष्ट्र चुनाव से पहले मक्का-मदीना पहुंचे जीशान सिद्दीकी, बोले- पिता के बिना पहला उमरा
- Zeeshan Siddiqui: बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद कांग्रेस विधायकर जीशान का टिकट पार्टी ने काट दिया था, जिसके बाद जीशान ने अजीत गुट का दामन थामा और पार्टी ने भी तत्काल उन्हें उनकी सीट से टिकट दे दिया।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अजीत गुट के उम्मीदवार जीशान सिद्दीकी चुनाव के पहले उमरा करने के लिए पहुंचे। अपने पिता बाबा सिद्दीकी हत्या के बाद जीशान का यह पहला चुनाव है और पोस्ट के जरिए जीशान ने बताया कि उनके पिता के बिना यह उनका पहला उमरा भी है। बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद कांग्रेस विधायकर जीशान का टिकट पार्टी ने काट दिया था, जिसके बाद जीशान ने अजीत गुट का दामन थामा और पार्टी ने भी तत्काल उन्हें उनकी सीट से टिकट दे दिया।
नामांकन फार्म भरकर उमरा करने पहुंचे जीशान ने एक भावुक सोशल मीडिया पोस्ट भी किया। उन्होंने लिखा कि साल 1999 में पापा के पहली बार विधायक चुने जाने के पहले और 2019 में मेरे विधायक चुने जाने तक मैं और पापा हमेशा चुनाव के पहले उमरा करते थे। हम दोनों नामांकन के बाद साथ में मक्का-मदीना आते थे। पापा के बिना यह मेरा पहला उमरा होगा। लेकिन आज जैसे ही मैं जेद्दा एयरपोर्ट पर उतरा तो कुछ स्थानीय लोगों ने मुझे पहचानते हुए मुझसे फोटो निकलवाने के लिए कहा। उन्होंने मुझे बताया कि वह मेरे पिता के फैन है। यही दुनिया भर का प्यार और सम्मान ही तो है, जो मेरे पिता ने कमाया था।
जीशान सिद्दीकी हाल ही में अजीत गुट में शामिल हुए हैं। पार्टी ने उन्हें बांद्रा ईस्ट सीट से टिकट दिया है। 2019 में कांग्रेस के टिकट पर इसी सीट से चुनकर आए जीशान के पिता ने भी कुछ समय पहले अजीत गुट का दामन थाम लिया था। महा विकास अद्याड़ी में कांग्रेस उनकी सीट को बचाने में नाकामयाब रही। बांद्रा ईस्ट की सीट शिवसेना उद्धव गुट को दे दी गई, जिसके बाद जीशान ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने महाविकास अद्याड़ी पर अपने पिता की मौत का राजनैतिक फायदा उठाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मेरे पिता की मौत के बाद कांग्रेस और गठबंधन के लोगों ने मुझसे कहा था कि मेरी सीट पर निर्विरोध चुनाव होगा, लेकिन गठबंधन की मीटिंग में इन्होंने मुझसे बात करना और मेरी सीट को बचाने के लिए बात करने की भी जरूरत नहीं समझी।