Hindi Newsमहाराष्ट्र न्यूज़Why was Congress ready to fight on less seats in Maharashtra demand for more than 110 ready to fight at 85

क्या चूर हो गया लोकसभा का उत्साह? महाराष्ट्र में कांग्रेस की थी 110 सीटों की डिमांड; अब कम पर लड़ने को तैयार

  • हरियाणा में हार के बाद कांग्रेस के सहयोगी दलों में उसे लेकर उत्साह कम हो गया है। यही वजह है कि कांग्रेस जो महाराष्ट्र में ज्यादा सीटों की डिमांड कर रही थी अब उसे कम सीटों पर लड़ना पड़ रहा है।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानSat, 26 Oct 2024 06:10 PM
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कांग्रेस के लिए हाल के दिनों में राजनीति का माहौल कुछ कठिन होता जा रहा है। लोकसभा चुनाव में मिली जीत के उत्साह के बीच, हरियाणा विधानसभा में उसकी हार ने पार्टी के मनोबल को काफी प्रभावित किया है। इस हार के बाद कांग्रेस के सहयोगी दलों में उसे लेकर उत्साह कम हो गया है, जिससे उसकी स्थिति कमजोर होती जा रही है। यही वजह है कि कांग्रेस जो महाराष्ट्र में ज्यादा सीटों की डिमांड कर रही थी अब उसे कम सीटों पर लड़ना पड़ रहा है।

सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के अंतर्गत कांग्रेस ने पहले 110 से ज्यादा सीटों की डिमांड की थी, लेकिन अब उसे केवल 85 सीटों पर संतोष करना पड़ रहा है, जहां वह अपने उम्मीदवार उतार सकती है। हालांकि, एमवीए के अन्य घटक दलों - उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी के बीच भी इसी संख्या में सीटों का बंटवारा हुआ है।

इस संदर्भ में उद्धव गुट की शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा, "महाराष्ट्र में तीन राजनीतिक दल- कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (उद्धव गुट) काफी मजबूत हैं। मेरा मानना है कि इन दलों के बीच सीटों का वितरण उचित और समान है। हरियाणा में कांग्रेस ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ा, फिर भी वह वहां सरकार नहीं बना पाई। इसलिए हमें सभी को साथ लेकर चलने की जरूरत है। अगर किसी को 'सबका साथ, सबका विकास' का नारा चाहिए, तो वह महाविकास अघाड़ी है।"

सीट बंटवारे पर गतिरोध जारी रहने के कारण, विपक्षी खेमे में समाजवादी पार्टी (सपा), आम आदमी पार्टी (आप), वामपंथी दल और पीजेंट एंड वर्कर्स पार्टी (पीडब्ल्यूपी) सहित छोटी पार्टियों में बेचैनी बढ़ी। सपा ने भी कांग्रेस को लेकर नाराजगी जताई थी। सपा महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख अबू आजमी ने शुक्रवार को कहा था कि अगर एमवीए छोटी पार्टियों के साथ किसी सहमति पर नहीं पहुंच पाता है, तो वे 20-25 सीट पर उम्मीदवार उतारेंगे। सपा ने पहले ही पांच सीट पर उम्मीदवार उतार दिए हैं तथा इसने और सात सीट की मांग की है।

कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए आजमी ने कहा कि पार्टी ने उन्हें दो बार धोखा दिया है, जिससे उनकी चिंताएं बढ़ गई हैं। उन्होंने कांग्रेस की निर्णय लेने में देरी को उनकी हार का मुख्य कारण बताया और कहा, “कांग्रेस हारती है क्योंकि वे लगातार दिल्ली जा रही हैं और यहां निर्णय नहीं ले रही हैं।"

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