शरद पवार, प्रियंका चतुर्वेदी और संजय राउत का क्या होगा? बंद हुआ राज्यसभा का रास्ता, समीकरण समझिए
- महाविकास अघाड़ी सिर्फ 49 सीटें जीत सकी। महाविकास अघाड़ी की इस विफलता के कारण शरद पवार, संजय राउत और प्रियंका चतुर्वेदी को अपने दम पर अगला राज्यसभा कार्यकाल भी नहीं मिलेगा।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के अध्यक्ष शरद पवार और शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) के नेता प्रियंका चतुर्वेदी और संजय राउत का अगली बार राज्यसभा पहुंचना बेहद मुश्किल नजर आ रहा है। इसकी बड़ी वजह है हालिया महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे। एक दिन पहले आए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों में उद्धव और शरद पवार की पार्टियों को बड़ा झटका लगा है। उनके विधायकों की संख्या पहले से बहुत कम हो गई है जिसकी वजह से इन नेताओं के राज्यसभा के लिए पुनर्निर्वाचन की संभावना बेहद कम हो गई है। इस विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी (MVA) 50 के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच पाई।
महाविकास अघाड़ी सिर्फ 49 सीटें जीत सकी। MVA की इस विफलता के कारण शरद पवार, संजय राउत और प्रियंका चतुर्वेदी को अपने दम पर अगला राज्यसभा कार्यकाल भी नहीं मिलेगा। आमतौर पर महाराष्ट्र से राज्यसभा में जाने के लिए 43 सीटों का कोटा तय है। इस लिहाज से पूरी महा विकास अघाड़ी मिलकर केवल एक को ही राज्यसभा भेज सकती है। वो भी तब जब, गठबंधन में किसी एक के नाम पर आम सहमति बन सके।
राज्यसभा में मौजूदा कार्यकाल
शरद पवार और प्रियंका चतुर्वेदी को 3 अप्रैल 2020 को छह साल के कार्यकाल के लिए राज्यसभा के सदस्य के रूप में चुना गया था। उनका कार्यकाल 3 अप्रैल 2026 को समाप्त हो जाएगा। वहीं, संजय राउत 1 जुलाई 2022 को राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे, और उनका कार्यकाल 22 जुलाई 2028 को समाप्त होगा।
कौन कितनी सीटें जीता?
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद भाजपा 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। दूसरे नंबर पर महायुति की साथी पार्टी शिवसेना (एकनाथ शिंदे) है। शिवसेना ने 57 सीटें जीतीं। राकांपा (अजित पवार) 41 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर है। शिवसेना (UBT) 20, कांग्रेस 16 और राकांपा (शरद पवार) 10 सीटें ही जीत पाई। दो सीटें सपा ने जीतीं।
पुनर्निर्वाचन की चुनौती
राजनीतिक समीकरणों और इन दलों की विधानसभा में स्थिति को देखते हुए, दोनों पार्टियों के लिए इन नेताओं को फिर से राज्यसभा भेजना बेहद कठिन हो गया है। शरद पवार ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि यह उनका राज्यसभा में अंतिम कार्यकाल होगा। वहीं, प्रियंका चतुर्वेदी और संजय राउत के पुनर्निर्वाचन की संभावनाएं भी राजनीतिक परिस्थितियों के कारण कमजोर हो रही हैं।
भाजपा की बल्ले-बल्ले
कांग्रेस ने शनिवार को उपचुनाव के आए नतीजे में महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा बरकरार रखी है। केरल की वायनाड लोकसभा सीट से भी जीतने के साथ कांग्रेस की लोकसभा में सीटों की संख्या 99 बनी हुई है। महाराष्ट्र विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत से सत्तारूढ़ गठबंधन की राज्यसभा में भी संभावनाएं बढ़ेंगी। महाराष्ट्र राज्यसभा सीटों की सबसे अधिक संख्या के मामले में देश में दूसरे स्थान पर है। भाजपा ने इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनाव में 240 सीट जीती थीं। नांदेड़ उपचुनाव 26 अगस्त को कांग्रेस सांसद वसंतराव चव्हाण के निधन के कारण कराया गया है।
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में 99 सीट जीती थीं, जिसमें से दो सीटों उत्तर प्रदेश की रायबरेली और केरल की वायनाड से पार्टी के नेता राहुल गांधी को जीत मिली थी। उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दी थी, जहां से शनिवार को उनकी बहन प्रियंका गांधी वाद्रा ने जीत दर्ज की। वायनाड और नांदेड़ जीतने के बाद लोकसभा में कांग्रेस सदस्यों की संख्या 99 पर कायम है।
पश्चिम बंगाल की बशीरहाट सीट अब लोकसभा में एकमात्र रिक्त सीट है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद एसके नूरुल इस्लाम का 25 सितंबर को निधन हो गया था। हालांकि, इस सीट पर उपचुनाव नहीं हो सका क्योंकि कलकत्ता उच्च न्यायालय में इस्लाम के खिलाफ चुनाव से संबंधित याचिका लंबित है। महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन की भारी जीत ने राज्यसभा में भी बहुमत हासिल करने की उसकी उम्मीदें बढ़ा दी है। महाराष्ट्र से राज्यसभा के 19 सदस्य निर्वाचित होते हैं। फिलहाल उच्च सदन में महाराष्ट्र से भाजपा के सात सदस्य हैं, जबकि कांग्रेस के तीन, एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना के एक, उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (उबाठा) के दो, अजित पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के तीन, राकांपा (शरदचंद्र पवार) के दो और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) का एक सदस्य है।
राज्यसभा में भाजपा के 95 सांसद हैं। सहयोगी दलों को मिलाकर यह संख्या 112 हो जाती है। इसके अलावा, छह मनोनीत सदस्य हैं जो सत्तारूढ़ पार्टी का समर्थन करते हैं। लोकसभा और राज्यसभा दोनों में सबसे ज्यादा सांसद उत्तर प्रदेश से होते हैं, उसके बाद महाराष्ट्र का स्थान आता है। महाराष्ट्र से फिलहाल राज्यसभा की कोई सीट रिक्त नहीं है, लेकिन विभिन्न अन्य राज्यों की 10 सीट रिक्त हैं, जिनमें से आधे से ज्यादा भाजपा के पास जाने की संभावना है। मनोनीत सदस्यों के लिए भी चार सीट रिक्त हैं। भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को 245 सदस्यीय सदन में आसानी से आधे से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान है।