कौन है लेडी नक्सली विमला उर्फ तारका, जिसने CM के सामने 11 साथियों संग किया सरेंडर; क्यों बड़ी बात
2009 में 8 अक्टूबर को गढ़ चिरौली के लाहेरी में हुए एक नक्सली हमले में 17 पुलिसकर्मी मारे गए थे। उस नक्सली हमले का नेतृत्व तारक्का उर्फ विमला चंद्र सिदम ने ही किया था।
महाराष्ट्र में माओवाद पर जीत के संकेत के तौर पर एक अहम घटनाक्रम में बुधवार को गढ़चिरौली पुलिस मुख्यालय में राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने 11 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। यह घटनाक्रम मुख्यमंत्री के गढ़चिरौली दौरे के दौरान हुआ। इस सरेंडर की बड़ी बात यह है कि 11 लोगों में विमला चंद्र सिदम उर्फ तारका सिदम भी शामिल हैं। आत्मसमर्पण करने वाले 11 नक्सलियों में आठ महिलाएं हैं।
कौन है तारका सिदम
2009 में 8 अक्टूबर को गढ़ चिरौली के लाहेरी में हुए एक नक्सली हमले में 17 पुलिसकर्मी मारे गए थे। उस नक्सली हमले का नेतृत्व तारका उर्फ विमला चंद्र सिदम ने ही किया था। तारका जिमलगट्टा इलाके के किस्तापुर गांव की एक शिक्षित विद्रोही महिला है। पुलिस रिकॉर्ड में उसकी तस्वीरें एक साधारण, सुंदर महिला की रही हैं, जो दृढ़ निश्चयी गुरिल्ला लड़ाके की कठोर छवि से बिल्कुल अलग है।
उसके पति भूपति नक्सलियों के केंद्रीय समिति के सदस्य हैं। बड़ी बात यह है कि भूपति बीटेक हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इन दोनों ने प्रेम विवाह किया था। गढ़चिरौली में आत्मसमर्पण करने वाले एक माओवादी के मुताबिक, यह जोड़ा माओवादी मुद्दे के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और यह जोड़ी गढ़चिरौली इलाके के युवाओं के बीच एक आदर्श रहा है। तारका सिदम महिलाओं का नेतृत्व करती थी। वह शासन-प्रशासन और ग्रामीण स्तर पर व्यवस्था में सुधार की वकालत करने वाली रही है।
राज्य से खत्म हो रहा नक्सलवाद: फडणवीस
इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की संख्या में वृद्धि और नये लोगों के नक्सली संगठनों में शामिल नहीं होने के चलते राज्य जल्द ही नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा। फडणवीस ने गढ़चिरौली में संवाददाताओं से कहा कि गढ़चिरौली जिले के दूरदराज इलाकों में नक्सलियों का प्रभाव कम हो रहा है। मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘नक्सलवाद अब समाप्ति के करीब है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार ने माओवादियों के प्रभाव को खत्म करके गढ़चिरौली को ‘‘पहला जिला’’ बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
गढ़चिरौली को अक्सर महाराष्ट्र का अंतिम जिला कहा जाता है क्योंकि यह राज्य की पूर्वी सीमा पर स्थित है। फडणवीस ने विदर्भ क्षेत्र में स्थित जिले में 32 किलोमीटर लंबे गट्टा-गरदेवाडा-वांगेतुरी मार्ग और वांगेतुरी-गरदेवाडा-गट्टा-अहेरी मार्ग पर महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) की बस सेवाओं का उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गढ़चिरौली सरकार के लिए (प्राथमिकता सूची में) अंतिम नहीं, बल्कि ‘‘पहला जिला’’ है। उन्होंने कहा कि आज जिस सड़क संपर्क का उद्घाटन किया गया है, वह महाराष्ट्र को सीधे छत्तीसगढ़ से जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, क्षेत्र नक्सलियों के प्रभाव से मुक्त हो रहा है और लोगों को आजादी के 75 साल बाद एमएसआरटीसी बस सेवाएं मिल रही हैं।
फडणवीस ने नक्सलवाद के खिलाफ गढ़चिरौली पुलिस के काम की सराहना की और कहा कि लोग अब नक्सलियों का समर्थन नहीं करते और ना ही कोई व्यक्ति प्रतिबंधित नक्सली संगठन में शामिल होना चाहता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत महत्वपूर्ण है।’’ मुख्यमंत्री ने गट्टा-गरदेवाडा-तोडगट्टा-वांगेतुरी सड़क और ताडगुडा पुल का हवाई निरीक्षण किया।
कोंसारी में लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड के विभिन्न विभागों का उद्घाटन करने के बाद फडणवीस ने एक सभा में कहा, ‘‘राज्य सरकार पिछले दस वर्षों से गढ़चिरौली को परिवर्तित करने की कोशिश कर रही है, ताकि आम आदमी को मुख्यधारा में लाया जा सके और इस जिले से नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंका जा सके।’’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व और गढ़चिरौली पुलिस और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयासों की बदौलत पिछले चार वर्षों में नक्सली गढ़चिरौली में एक भी व्यक्ति को अपने साथ नहीं जोड़ पाए हैं। उन्होंने कहा कि शीर्ष माओवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं और मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन से संबंधित उपक्रमों में गढ़चिरौली जिले में रोजगार के 20,000 अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में गढ़चिरौली में एक हवाई अड्डा बनेगा और गढ़चिरौली बंदरगाहों को जोड़ने वाले जलमार्गों का भी सर्वेक्षण किया जाएगा। फडणवीस ने नक्सल रोधी अभियानों में बहादुरी के लिए सी-60 कमांडो और अधिकारियों को सम्मानित भी किया।