जिस तरह मेरे बैग की जांच की... मोदी-शाह की करेंगे? तलाशी लेने पर भड़के उद्धव ठाकरे; शिंदे-फडणवीस को भी घेरा
- उद्धव ठाकरे सरकारी अधिकारियों द्वारा उनके बैग की जांच किए जाने पर भड़क गए। उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि जिस तरह उनके बैग की जांच की गई, क्या पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बैगों की भी जांच की जाएगी क्या?
एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र की पूर्व सीएम और शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे सरकारी अधिकारियों द्वारा उनके बैग की जांच किए जाने पर भड़क गए। उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि जिस तरह उनके बैग की जांच की गई, क्या पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बैगों की भी जांच की जाएगी क्या?
उद्धव ठाकरे ने सोमवार को दावा किया कि 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के वास्ते जब वह यवतमाल पहुंचे तो सरकारी अधिकारियों ने उनके बैग की जांच की। पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि क्या निर्वाचन अधिकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेताओं के सामान की भी जांच करेंगे?
ठाकरे ने यवतमाल के वानी में शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवार संजय डेरकर के समर्थन में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए इस कथित घटना की जानकारी दी। शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष ने कहा कि जब वह हेलीकॉप्टर से वानी पहुंचे तो कई सरकारी अधिकारियों ने उनके बैग की जांच की। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं से कहा कि वे उन अधिकारियों की जेब और पहचान पत्रों की भी जांच करें जो उनकी जांच करते हैं।
ठाकरे ने कहा कि वह चुनाव अधिकारियों से नाराज नहीं हैं। हालांकि, उन्होंने कहा, ‘‘आप अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं और मैं अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा।’’ शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष ने सवाल किया, ‘‘जिस तरह से आपने मेरे बैग की जांच की क्या इसी तरह से मोदी और शाह के बैग की जांच करेंगे?’’ उन्होंने जानना चाहा कि क्या मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस के बैग की जांच नहीं की जानी चाहिए?
ठाकरे ने कहा, ‘‘ये सब अनावश्यक कार्य हो रहे हैं, मैं इसे लोकतांत्रिक नहीं मानता, यह लोकतंत्र नहीं हो सकता। लोकतंत्र में कोई बड़ा या छोटा नहीं होता।’’ उन्होंने कहा कि अगर निर्वाचन अधिकारी उनके (सत्तारूढ़ गठबंधन के वरिष्ठ नेताओं के) बैग की जांच नहीं करते, तो शिवसेना (यूबीटी) और विपक्षी एमवीए के कार्यकर्ता उनकी जांच करेंगे। ठाकरे ने कहा कि पुलिस और निर्वाचन आयोग को तब हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, क्योंकि मतदाताओं को भी अधिकार है कि जब वे (सत्तारूढ़ दलों के वरिष्ठ नेता) प्रचार के लिए आएं तो उनके बैग की जांच की जाए।