उद्धव और राज ठाकरे के बीच बढ़ रहीं नजदीकियां? साथ आने को लेकर क्या बोले संजय राउत
- संजय राउत ने कहा, ‘एनसीपी प्रमुख अजित पवार भी अपने चाचा शरद पवार से मिलते हैं। रोहित पवार भी अपने चाचा अजित पवार से मिलते हैं। पंकजा मुंडे और उनके चचेरे भाई धनंजय मुंडे अलग-अलग पार्टियों के सदस्य हैं, लेकिन वे मुंडे परिवार के सदस्य हैं।'
शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे को एक शादी समारोह में साथ देखा गया। इसके बाद से राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं होने लगीं। शिवसेना सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि चचेरे भाई उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच राजनीतिक मेल मिलाप पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी। दोनों ने एक दिन पहले एक पारिवारिक समारोह में भाग लिया था। राउत ने कहा, ‘महाराष्ट्र का ठाकरे परिवार से गहरा लगाव है। अगर उद्धव और राज एक साथ आते हैं, तो महाराष्ट्र खुश होगा। हालांकि, राज ठाकरे एक अलग पार्टी का नेतृत्व करते हैं। उनके रोल मॉडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और देवेंद्र फडणवीस हैं। हमारे लिए वे महाराष्ट्र के दुश्मन हैं।’
राज-उद्धव के बीच राजनीतिक सुलह की अटकलों को खारिज करते हुए संजय राउत ने कहा कि उद्धव और राज, ठाकरे परिवार के सदस्य हैं। राउत ने कहा, ‘एनसीपी प्रमुख अजित पवार भी अपने चाचा शरद पवार से मिलते हैं। रोहित पवार भी अपने चाचा अजित पवार से मिलते हैं। पंकजा मुंडे और उनके चचेरे भाई धनंजय मुंडे अलग-अलग पार्टियों के सदस्य हैं, लेकिन वे मुंडे परिवार के सदस्य हैं। पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के बेटे अलग-अलग पार्टियों में हैं।’ पिछले साल अजित पवार की बगावत के बाद शरद पवार की ओर से स्थापित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी विभाजित हो गई। राउत ने कहा कि पारिवारिक कार्यक्रमों में उद्धव और राज ठाकरे की मुलाकातों को राजनीतिक नजरिये से देखना जल्दबाजी होगी।
राज ठाकरे और उद्धव अपने परिवार वालों के साथ रहे मौजूद
दादर में आयोजित समारोह में राज ठाकरे और उद्धव अपने परिवार के सदस्यों के साथ मौजूद थे। कार्यक्रम में उद्धव ठाकरे के बड़े भाई जयदेव ठाकरे की पूर्व पत्नी स्मिता ठाकरे भी मौजूद थीं। पिछले सप्ताह राज ठाकरे रश्मि ठाकरे के भाई श्रीधर पाटनकर के बेटे की शादी में शामिल हुए थे। उद्धव ठाकरे के आने से पहले ही वह चले गए थे। राज ठाकरे ने 2005 में अविभाजित शिवसेना छोड़ दी और अगले साल महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन किया। पिछले महीने महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनावों में विपक्षी ‘महा विकास आघाडी’ के घटक शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीट जीतीं, जबकि मनसे को एक भी सीट नहीं मिली।