महाराष्ट्र में विभाग बंटे पर नहीं खत्म हुई टेंशन, अब प्रभारी मंत्री बनने पर रार
- महाराष्ट्र में पोर्टफोलियो के आवंटन के बाद अब महायुती के कई नेता प्रभारी मंत्री को लेकर अपने-अपने दावे कर रहे हैं। कुछ ऐसे जिले हैं जिनपर बीजेपी और शिवसेना दोनों के ही मंत्री अधिकार जता रहे हैं।
महाराष्ट्र में चुनाव परिणाम के बाद से ही महायुति गठबंधन के नेताओं में रार की खबरें सामने आती रही हैं। हालांकि राज्य में सरकार का गठन हो भी हो गया और एकनाथ शिंदे ने देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री के तौर पर भी स्वीकार कर लिया। विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले 39 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई और अब उनके विभागों का बंटवारा भी हो गया है। सीएम फडणवीस ऊर्जा, कानून एवं न्यायपालिका, सामान्य प्रशासन विभाग और सूचना एवं प्रचार विभाग भी संभालेंगे। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शहरी विकास, आवास और लोक निर्माण विभाग (सार्वजनिक उद्यम) आवंटित किया गया है। वहीं अजित पवार को वित्त एवं योजना और राज्य उत्पाद शुल्क विभाग मिला है। विभागों के आवंटन को लेकर खींचतान के बाद अब प्रभारी मंत्री बनने को लेकर तनातनी देखने को मिल रही है। दरअसल प्रभारी मंत्री को जिले के विकास का जिम्मा दिया जाता है। जिला विकास और योजना का फंड भी उसके नियंत्रण में रहता है।
शिव सेना के मंत्री भारत गोगावाले औऱ संजय शिरसाट ने पहले ही रायगढ़ और छत्रपति संभाजीनगर जिलों पर दावा ठोक दिया है। वहीं एसीपी और बीजेपी की नजर भी इन जिलों पर है। फडणवीस की सरकार में 42 मंत्री बनाए गए हैं लेकिन 12 जिले ऐसे भी हैं जहां से कोई मंत्री नहीं बना है। वहीं कुछ जिलों से कई विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिली है। ऐसे में उनके बीच अब डिस्ट्रिक्ट गार्जियन बनने की होड़ लगी है।
बता दें कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में भी गार्जयन मिनिस्टर को ही मुख्य अतिथि बनाया जाता है। शिवसेना के मंत्री शंभुराज देसाई का दावा है कि ना तो पोर्टफोलियो को लेकर कोई तनाव था और ना ही गार्जियन मिनिस्टर को लेकर कोई खींचतान है। राज्य में बीजेपी चीफ चंद्रशेखऱ बावनकुले ने कहा कि सरकार इस तरह के किसी भी विवाद को संभालने में सक्षम है। बता दें कि मुंबई से शिवसेना और एनसीपी का कोई भी मंत्री नहीं है। ऐसे में उम्मीद है कि बीजेपी के आशीष सेलार को प्रभारी मंत्री बनाया जा सकता है। वहीं शिवसेना चाहती है कि कम से कम एक मंत्री को मुंबई में गार्जियन बनाया जाए।
पिछली सरकार में सावंतवाड़ी से शिवसेना के विधायक दीपक केसरकर को मुंबई सिटी की जिम्मेदारी दी गई थी। हालांकि इस बार बीजेपी किसी भी समझौते के मूड में नजर नहीं आ रही है। चुनाव परिणामों के बाद बीजेपी का यह रुख पहले भी देखा जा चुका है. वहीं सिरसाट ने दावा किया है कि संभाजीनगर में उनको गार्जियन बनाने का केवल ऐलान बाकी है। वहीं यहां से बीजेपी के विधायक अतुल सावे ने कहा कि महायुति जो भी फैसला लेगी उन्हें स्वीकार होगा। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने मुझपर पहले भी विश्वास किया है और इसीलिए तीन विभाग दिए गए हैं। वहीं रायगढ़ में अदिति तटकरे और गोगावले के बीच खींचतान हो सकती है। एनसीपी के मंत्री मानिकराव कोकाते ने कहा कि जिले में पार्टी के सात विधायक हैं। वहीं बीजेपी के पांच और शिवसेना के दो हैं। ऐसे में नासिक पर भी उनका ही दावा मजबूत है।