दो सप्ताह में जुर्माना भरें उद्धव ठाकरे और संजय राउत, माफी मांगने पर भी क्यों सख्त हुई अदालत?
विशेष अदालत ने जून में दोनों नेताओं की उस याचिका को स्वीकार कर लिया था, जिसमें उन्होंने मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार अर्जी दायर करने में देरी के लिए माफी मांगी थी।
मुंबई की एक विशेष अदालत ने बुधवार को शिवसेना(यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे और संजय राउत को मानहानि के एक मामले में उनके देर करने संबंधी क्षमा याचिका के एवज में लगाए गए 2,000 रुपये का जुर्माना भरने के लिए और दो सप्ताह का समय दिया। साथ ही अदालत ने 1,000 रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया।
सांसदों/विधायकों से संबंधित मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत ने जून में दोनों नेताओं की उस याचिका को स्वीकार कर लिया था, जिसमें उन्होंने मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार अर्जी दायर करने में देरी के लिए माफी मांगी थी। मजिस्ट्रेट अदालत ने शिवसेना नेता राहुल शेवाले द्वारा दायर मानहानि मामले में उनकी आरोपमुक्ति याचिका को खारिज कर दिया था।
अदालत ने 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया था और शिवसेना (यूबीटी) नेताओं को 13 जून के आदेश से दस दिनों के भीतर यह राशि चुकाने का निर्देश दिया था। ठाकरे और राउत ने अधिवक्ता मनोज पिंगले के माध्यम से दायर आवेदन में कहा कि 2,000 रुपये जमा कराने में देरी अनजाने में हुई तथा इसके लिए कई कारण बताए।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के सदस्य शेवाले ने शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ के मराठी और हिंदी संस्करणों में उनके खिलाफ ‘अपमानजनक’ लेख प्रकाशित करने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि) के तहत ठाकरे और राउत के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया है।
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