शरद पवार, उद्धव ठाकरे गुट ने ढंग से प्रचार नहीं किया; 'महा' हार पर कांग्रेस नेता का बड़ा आरोप
- पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने बताया कि 1977 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को महाराष्ट्र में 48 में से 20 सीटें मिली थीं, जो अब तक की सबसे कम थीं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और महा विकास अघाड़ी (MVA) को करारी हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस ने 101 सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन केवल 16 सीटों पर जीत हासिल की, जो पार्टी का राज्य में अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है। महाराष्ट्र हार के बाद अब कांग्रेस नेता ने महा विकास अघाड़ी के साथियों पर बड़ा आरोप लगाया है।
कर्नाटक के मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जी. परमेश्वर ने हार की वजहों पर चर्चा करते हुए कहा कि गठबंधन सहयोगी शरद पवार की एनसीपी (एसपी) और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) चुनाव प्रचार में "योजनाबद्ध तरीके से" सक्रिय नहीं रह पाई। परमेश्वर महाराष्ट्र चुनाव के लिए ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के पर्यवेक्षक थे।
गठबंधन में तालमेल की कमी और अंतिम समय की घोषणाएं
परमेश्वर ने कहा, "हमने विदर्भ क्षेत्र में कम से कम 50 सीटों की उम्मीद की थी। लेकिन गठबंधन सहयोगियों के बीच तालमेल नहीं था और हमने अंतिम समय में टिकटों की घोषणा की, जिससे पार्टी में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई।"
ईवीएम हैकिंग के आरोप
उन्होंने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा, "हमने महाराष्ट्र में बैठकर चुनाव परिणामों का विश्लेषण किया। हमें ऐसी जानकारी मिली है कि कुछ क्षेत्रों में ईवीएम को हैक किया गया। यह हर जगह नहीं, लेकिन चुनिंदा क्षेत्रों में हुआ है।"
BJP का भारी बहुमत
बीजेपी-नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने 288 सीटों में से 230 पर जीत दर्ज कर सत्ता में अपनी पकड़ मजबूत की है। महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, "इस बार महाराष्ट्र में विपक्ष का नेता (LoP) नहीं होगा। यह कांग्रेस और विपक्ष के गलत कार्यों का नतीजा है। लोकसभा चुनावों में इन्होंने फर्जी नैरेटिव फैलाए थे और जनता ने विधानसभा चुनाव में उन्हें जवाब दे दिया।"
इतिहास में कांग्रेस का सबसे खराब प्रदर्शन
पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने बताया कि 1977 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को महाराष्ट्र में 48 में से 20 सीटें मिली थीं, जो अब तक की सबसे कम थीं। लेकिन इस बार का प्रदर्शन उससे भी खराब रहा। इस करारी हार के बाद कांग्रेस और महा विकास अघाड़ी के नेताओं के बीच आत्ममंथन शुरू हो चुका है।