Hindi Newsमहाराष्ट्र न्यूज़Samajwadi Party to quit MVA over Shiv Sena UBT Hindutva agenda in Maharashtra said Abu Azmi

बाबरी विध्वंस के समर्थन में उद्धव सेना, भड़क गई सपा; विपक्षी गठबंधन से हुई बाहर

  • अबू आजमी ने 6 दिसंबर को शिवसेना (UBT) द्वारा सोशल मीडिया पर बाबरी मस्जिद विध्वंस के पक्ष में पोस्ट किए गए संदेश को लेकर गहरी नाराजगी जताई।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, मुंबईSat, 7 Dec 2024 06:20 PM
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समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अबू आजमी ने शनिवार को घोषणा करते हुए कहा है कि उनकी पार्टी ने महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (MVA) से अलग होने का निर्णय लिया है। उन्होंने शिवसेना (UBT) पर "हिंदुत्व एजेंडा" अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि इसी के चलते सपा ने इस गठबंधन से अपनी साझेदारी पर पुनर्विचार करने का फैसला किया। बता दें कि अबू आजमी सपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हैं।

आजमी ने आरोप लगाया कि महाविकास आघाड़ी में सीट बंटवारे और चुनाव प्रचार के दौरान कोई तालमेल नहीं था। उन्होंने कहा, "विधानसभा चुनाव में हार के बाद शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से आंतरिक बैठक में कहा कि वे हिंदुत्व एजेंडा को आक्रामक रूप से आगे बढ़ाएं।"

इसके अलावा, अबू आजमी ने 6 दिसंबर को शिवसेना (UBT) द्वारा सोशल मीडिया पर बाबरी मस्जिद विध्वंस के पक्ष में पोस्ट किए गए संदेश को लेकर गहरी नाराजगी जताई। अबू आजमी ने कहा, “शिवसेना (उबाठा) द्वारा बाबरी मस्जिद को ढहाए जाने के लिए लोगों को बधाई देते हुए एक अखबार में विज्ञापन दिया गया था। उनके (उद्धव ठाकरे के) सहयोगी ने भी मस्जिद को ढहाये जाने की सराहना करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया है।”

आजमी ने कहा, “हम एमवीए छोड़ रहे हैं। मैं (समाजवादी पार्टी अध्यक्ष) अखिलेश सिंह यादव से बात कर रहा हूं।” शिवसेना (उबाठा) के विधान पार्षद मिलिंद नार्वेकर ने बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की घटना पर पोस्ट किया था, जिसके जवाब में सपा ने यह कदम उठाया। नार्वेकर ने मस्जिद ढहाए जाने की एक तस्वीर पोस्ट की, जिसके साथ ही शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे का कथन लिखा, “मुझे उन लोगों पर गर्व है जिन्होंने यह किया।” शिवसेना (उबाठा) सचिव ने पोस्ट में उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और खुद की तस्वीरें भी पोस्ट कीं। आजमी ने कहा, “अगर एमवीए में कोई भी ऐसी भाषा बोलता है, तो भाजपा और उनके बीच क्या अंतर है? हमें उनके साथ क्यों रहना चाहिए?”

उन्होंने कहा कि मस्जिद को ढहा दिया गया और इसके लिए किसी को सजा नहीं हुई। साथ ही उन्होंने कहा कि लोग इसे भूल गए हैं लेकिन घाव फिर से कुरेदे जा रहे हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस को यह तय करना है कि क्या वह इस तरह की बातें करने वाले किसी व्यक्ति के साथ गठबंधन कर सकती है।’’

शिवसेना (उबाठा) नेता भास्कर जाधव ने पलटवार करते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद पर उनकी पार्टी का रुख 1992 से एक जैसा ही है। उन्होंने सवाल किया कि क्या समाजवादी पार्टी को शिवसेना (उबाठा) के रुख का एहसास 31 साल बाद हुआ है। जाधव ने सपा पर सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर झुकाव का आरोप लगाया। समाजवादी पार्टी के एमवीए छोड़ने के फैसले के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नितिन राउत ने कहा, ‘‘अबू आजमी ने (एमवीए छोड़ने का) बयान दिया है। हम समाजवादी पार्टी के साथ उसके फैसले पर चर्चा करेंगे और समझेंगे कि समस्या क्या है।’’

राजनीतिक विश्लेषक अभय देशपांडे ने कहा, ‘‘इससे एमवीए को सीधे तौर पर कोई क्षति पहुंचने की संभावना नहीं है, क्योंकि राज्य में सपा की मौजूदगी बहुत सीमित है। एमवीए से बाहर निकलने का फैसला शायद निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए लिया जा रहा है और पार्टी का रुख उसी के अनुसार बनाया जा रहा है।’’ इस बीच, आजमी ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी जैसी पार्टियों के साथ कोई तालमेल नहीं था।

सपा ने आठ सीट पर चुनाव लड़ा था और दो पर जीत दर्ज की थी और छह पर दोस्ताना मुकाबला किया था। समाजवादी पार्टी एमवीए का हिस्सा थी, जिसमें मुख्य रूप से शिवसेना (उबाठा), कांग्रेस और शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) शामिल हैं। अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी का यह कदम राष्ट्रीय स्तर पर ‘इंडिया’ गठबंधन के भीतर मतभेदों को भी दर्शाता है, जिसका एमवीए हिस्सा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने ‘इंडिया’ गठबंधन के कामकाज पर शुक्रवार को असंतोष व्यक्त किया था और संकेत दिया था कि हरियाणा एवं महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली करारी हार के बीच यदि उन्हें मौका मिला तो वह गठबंधन की कमान संभालेंगी।

(इनपुट एजेंसी)

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