गौतम अडानी ही बताएं कि मुलाकात में क्या हुआ? अजित पवार के दावे पर भड़का शरद पवार खेमा
- अजित पवार के इस दावे से सबसे ज्यादा परेशानी शरद पवार खेमे को होती दिख रही है, जो भाजपा के मुकाबले चुनाव में उतरा है। अजित पवार के इस दावे से यह संदेश जाएगा कि शरद पवार भी भाजपा से अंदरखाने डील कर रहे थे। यही कारण है कि शरद पवार के पोते रोहित पवार ने अजित पर हमला बोला है।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने चुनाव के बीच यह दावा करके सनसनी फैला दी है कि 2019 में एनसीपी और भाजपा ने सरकार गठन कोशिश की थी। इस प्रयास में कारोबारी गौतम अडानी ने मदद की थी और उनकी मौजूदगी में जो मीटिंग हुई, उसमें अमित शाह और शरद पवार मौजूद थे। यही नहीं इस बैठक में मैं खुद था और देवेंद्र फडणवीस एवं प्रफुल्ल पटेल भी थे। अजित पवार के इस दावे से सबसे ज्यादा परेशानी शरद पवार खेमे को होती दिख रही है, जो भाजपा के मुकाबले चुनाव में उतरा है। अजित पवार के इस दावे से यह संदेश जाएगा कि शरद पवार भी भाजपा से अंदरखाने डील कर रहे थे।
यही कारण है कि शरद पवार के पोते रोहित पवार ने अजित पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ है तो फिर गौतम अडानी को ही बता देना चाहिए कि उस मुलाकात में क्या हुआ था। अजित पवार ने यह पूरी जानकारी 2019 में एनसीपी से बागी होकर देवेंद्र फडणवीस के साथ शपथ लेने के वाकये पर यह कहा था। इस पर रोहित पवार ने कहा, 'मैं राज्य सरकार और केंद्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि वे सीधे अडानी से पूछें कि क्या हुआ, तब पता चलेगा। दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।'
रोहित पवार ने कहा कि जब चुनाव आपके हाथ से निकल जाए और कोई विकल्प न बचे तो आपको झूठ बोलना पड़ता है। रोहित पवार ने कहा कि यह अजित पवार द्वारा झूठ बोलकर अपने उम्मीदवार को जिताने की कोशिश है। इस मौके पर बोलते हुए रोहित पवार ने बैगों की चेकिंग को लेकर भी टिप्पणी की। इससे पहले सत्ता में बैठे लोगों के बैग की जांच नहीं होती थी। अच्छी बात है कि ऐसा हो रहा है। यह सब उद्धव ठाकरे की ओर से सवाल उठाने के बाद हो रहा है। उन्होंने यह भी पूछा कि जब महाराष्ट्र पुलिस है तो फिर एमपी की पुलिस से क्यों जांच कराई जा रही है।
वहीं रोहित पवार ने दावा किया कि देवेंद्र फडणवीस की हालत अपनी ही सीट पर खराब है। उनसे लोग डरते हैं, इसलिए खुलकर बोल नहीं रहे हैं। लेकिन जो नतीजा आएगा, उससे पता चल जाएगा कि लोगों के क्या विचार हैं। उन्होंने कहा कि लोग बातों पर नहीं बल्कि काम देखकर मतदान करेंगे और ऐसा ही लोकसभा चुनाव में भी हुआ था।