अदालत से नहीं मिली राहत, अब जेल में किताब लिख रहे संजय राउत
जेल जाने के बाद शुरू में उनके नाम से सामना में लेख प्रकाशित भी हुए लेकिन फिर संजय राउत को हिरासत में रहते हुए संपादकीय या कॉलम लिखने की कोर्ट से अनुमति नहीं मिली।
जेल में बंद शिवसेना सांसद संजय राउत को सोमवार को विशेष पीएमएलए अदालत से राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत 5 सितंबर तक बढ़ा दी है। इसी बीच यह बात सामने आई है कि संजय राउत जेल में ही किताब लिख रहे हैं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह किताब किस पर होगी लेकिन अनुमान यही है कि महाराष्ट्र में हुई उठापटक और फिर उनकी गिरफ्तारी को लेकर ही वे कुछ लिख रहे हैं।
जेल में रोज लिख रहे डायरी
दरअसल, संजय राउत को पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में एक अगस्त को हिरासत में लिया गया था। शिवसेना नेता संजय राउत इस समय आर्थर रोड जेल में हैं। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई की है। पेशे से पत्रकार रह चुके संजय राउत अब जेल में ही किताब लिख रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि वे रोज डायरी की शक्ल में किताब लिख रहे हैं।
'अपनी गिरफ्तारी की कहानी लिख रहे'
संभव है कि संजय राउत यह लिख रहे हैं कि कैसे उनके खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया। उनके साथ न्याय हुआ या अन्याय हुआ है। उन्हें किस मामले में जेल में बंद किया गया। फिलहाल अब यह तो तब पता चल पाएगा जब संजय राउत जेल से बाहर आएंगे।
सामना के कार्यकारी संपादक हैं संजय राउत
पेशे से पत्रकार रह चुके संजय राउत पहले भी कई किताब लिख चुके हैं। वे शिवसेना के मुखपत्र सामना के कार्यकारी संपादक भी हैं। जेल जाने के बाद शुरू में उनके नाम से सामना में लेख प्रकाशित भी हुए लेकिन फिर संजय राउत को हिरासत में रहते हुए संपादकीय या कॉलम लिखने की कोर्ट से अनुमति नहीं मिली।
संजय राउत की बाइलाइन के साथ सात अगस्त (रविवार) को 'सामना' में साप्ताहिक कॉलम 'रोकठोक' प्रकाशित हुआ था। इस कॉलम में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के हालिया बयानों और राउत की गिरफ्तारी के बाद की घटनाओं का जिक्र किया गया था। हालांकि इसके बाद संजय राउत की बाइलाइन से कोई लेख नहीं प्रकाशित हुआ।
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