मुंबई वालों को जल्द मिलेगी नई सौगात; पहली भूमिगत मेट्रो के उद्घाटन की तैयारी, जानें डिटेल
- कोलाबा-सीप्ज-आरे के बीच 33.5 किलोमीटर लंबा भूमिगत मेट्रो कॉरिडोर है। इसमें से 12.5 किलोमीटर लंबे आरे कॉलोनी से बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स मार्ग का उद्घाटन अक्टूबर के पहले सप्ताह में हो सकता है।
मुंबई की पहली भूमिगत मेट्रो या एक्वा लाइन को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। इसके पहले चरण में ट्रेन का परिचालन सुरक्षा मंजूरी मिलते ही आरे कॉलोनी से बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स के बीच शुरू हो जागा। सीनियर अधिकारी ने मंगलवार को यह अपडेट दिया। आरे कॉलोनी और बीकेसी के बीच 12.5 किमी लंबा मेट्रो मार्ग 33.5 किमी लंबी कोलाबा-सीप्ज-आरे मेट्रो लाइन-3 का हिस्सा है। इस तरह मुंबई के लोगों को यातायात में सुविधा के लिहाज से जल्द ही बड़ी सौगात मिलने वाली है।
मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (MMRC) के प्रबंध निदेशक अश्विनी भिड़े ने पत्रकार वार्ता में अधिक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मेट्रो लाइन-3 पर जल्द ट्रेन का ऑपरेशन शुरू होगा, क्योंकि अब महज मेट्रो रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CMRS) की मंजूरी मिलनी बाकी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए 2 मंजूरियों की आवश्यकता थी। इसमें से उन्हें रोलिंग स्टॉक (मेट्रो ट्रेन) के लिए पहले ही मंजूरी मिल चुकी है, जबकि रेल लाइन के लिए आवेदन स्वीकृति के लिए लंबित है।
33.5 किलोमीटर लंबा भूमिगत मेट्रो कॉरिडोर
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, कोलाबा-सीप्ज-आरे के बीच 33.5 किलोमीटर लंबा भूमिगत मेट्रो कॉरिडोर है। इसमें से 12.5 किलोमीटर लंबे आरे कॉलोनी से बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स मार्ग का उद्घाटन अक्टूबर के पहले सप्ताह में हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से राज्य में अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के साथ इसे हरी झंडी दिखाने की संभावना है। भिड़े ने कहा कि इस पर लगभग 93 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और कोलाबा से आरे के बीच पूरी लाइन मार्च या मई 2025 तक संचालित होने की संभावना है।
रोजाना 96 फेरे लगाने की योजना
भिड़े ने कहा कि उन्होंने आरे और बीकेसी के बीच 8 जोड़ी ट्रेन के जरिए रोजाना 96 फेरे लगाने की योजना बनाई है। यह सेवा सुबह साढ़े 6 बजे से रात साढ़े 10 बजे तक उपलब्ध कराई जाएगी। केवल रविवार को पहली सेवा सुबह साढ़े छह बजे के बजाय आठ बजे से शुरू होगी। उन्होंने कहा कि इस लाइन पर न्यूनतम किराया 10 रुपये और अधिकतम 50 रुपये होगा। कोलाबा-सीप्ज-आरे कॉरिडोर के पूरी तरह से संचालित होने पर अधिकतम किराया 70 रुपये होगा। कॉरिडोर के पहले चरण में प्रतिदिन साढ़े 6 लाख यात्रियों की यात्रा करने की क्षमता है। ट्रेन संचालन के लिए 48 चालक होंगे, जिनमें 10 महिलाएं शामिल हैं।