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उद्धव ठाकरे को आशीर्वाद देने वाले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद अब महायुति की जीत से गदगद, बोले- दैवीय शक्ति कर रही काम

  • महाराष्ट्र चुनावों के नतीजों पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि लोगों को पहले से आभास नहीं हो सका, क्योंकि वहां पर दैवीय शक्ति काम कर रही थी और इसका मनुष्य उसका आकलन नहीं कर पाता है।

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तानMon, 25 Nov 2024 11:24 PM
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Maharashtra Results: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति ने शानदार प्रदर्शन किया है। बीजेपी गठबंधन की इस जीत पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है कि लोगों को चुनावी नतीजों का पहले से आभास इसलिए नहीं हुआ, क्योंकि वहां पर दैवीय शक्ति काम कर रही थी। उन्होंने गाय को राजमाता का दर्जा देने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की जमकर प्रशंसा की। साथ ही, यूपी उपचुनाव के नतीजों पर कहा कि जब कोई सामान्य पार्टी 9-7 से जीतती तो अलग बात थी, लेकिन चैंपियन (बीजेपी) ने इस तरह का प्रदर्शन किया जो अच्छा नहीं है। यहां पर 9-0 होना चाहिए था।

बता दें कि शंकराचार्य बिजनेसमैन मुकेश अंबानी के बेटे अनंत की शादी में शामिल होने के लिए मुंबई गए थे। इस दौरान, वे पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के घर भी पहुंचे, जहां उन्हें आशीर्वाद दिया। उन्होंने 2022 में हुई शिवसेना में फूट वाले मुद्दे को लेकर कहा था कि उद्धव के साथ विश्वासघात हुआ है और यह दुख तब तक नहीं दूर होगा, जब तक वे दोबारा सीएम नहीं बन जाते हैं।

विपक्षी दलों द्वारा महाराष्ट्र के चुनाव में गड़बड़ी के आरोपों पर शंकराचार्य ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि इसको प्रमाण देकर ही कहा जा सकता है। अगर गड़बड़ी होगी तो प्रमाण देकर बाद में वहां पर चुनाव निरस्त भी हो जाएंगे, लेकिन कहने के लिए तो जो हारता है, वह कहता ही है। मूल बात यह है कि चुनावी पंडित कुछ दिन पहले तक कह रहे थे कि महाराष्ट्र में जो सरकार है, उसकी खराब होगी। लोकसभा चुनाव में भी परिणाम इसी तरह के आए। उन्होंने कहा, ''ज्यादा से ज्यादा खींचतान में यह कहा जाता था कि बराबरी का मुकाबला हो सकता है, लेकिन जब परिणाम आया तो आजतक के इतिहास में किसी पार्टी व गठबंधन की इतनी बड़ी जीत नहीं हुई, जो अब हो गई। यह इसलिए लोगों को नहीं पता चला, क्योंकि यहां पर दैवीय शक्ति काम कर रही थी और जब दैवीय शक्ति काम करती है तो मनुष्य उसका आकलन नहीं कर पाता है।''

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हम लोगों को इसका आभास था और इसीलिए इतिहास में पहली बार किसी पार्टी के लिए हमने कहा कि जनता को चाहिए कि उसे वोट दे और आर्शीवाद दे। हम दैवीय शक्ति का अनुभव कर रहे थे कि यह आशीर्वाद एकनाथ शिंदे को मिल गया। उस व्यक्ति (सीएम शिंदे) ने धारा के वितरीत जाकर वह काम किया, जो अब तक कोई नेता नहीं करपाया था। गौमाता को पशु सूची से हटाकर राजमाता का दर्जा दिया। उसी समय लगा था कि इस व्यक्ति को गौमाता का आशीर्वाद मिलेगा। जैसे-जैसे चुनाव आता गया, दृढ़ता से यह बात समझ आने लगी। हमें बहुत प्रसन्नता है कि गौमाता ने अपने बेटे एकनाथ शिंदे को इस तरह का आशीर्वाद दिया।

उन्होंने बालासाहेब ठाकरे को लेकर कहा कि उनके बेटे (उद्धव ठाकरे) उनकी धारा को आगे नहीं ले जा पाए, लेकिन लोगों ने शिवसेना की धारा को बरकरार रखा। शिवसेना को 57 सीटें दी, इसका मतलब है कि बाला साहेब के विचार आज भी जीवित है, लेकिन उसका नेतृत्व उद्धव नहीं, उनके शिष्य (शिंदे) कर रहे हैं। इसी तरह उन्होंने यूपी उपचुनाव को लेकर कहा कि अगर सामान्य बल वाले लोग होते तो नौ में से सात अच्छी बात होती, लेकिन एक चैंपियन आए और वे नौ में से सात जीते, जो अच्छा नहीं है। यहां पर तो नौ-0 होना चाहिए था। बता दें कि हाल में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति को बंपर जीत मिली है। अकेले बीजेपी ने 132 सीटें जीत लीं, जबकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 57, एनसीपी को 41 सीटों पर जीत मिली। वहीं, कांग्रेस महज 16, शिवसेना यूबीटी 20 और एनसीपी-एसपी 10 सीटें ही जीतने में कामयाब हो सकी।

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