महायुति में 6-1 फॉर्मूले पर बनी सहमति, शिंदे और अजित कोटे से कितने बनेंगे मंत्री? मंत्रालयों पर भी खींचतान
- बीजेपी का विधायक दल कल सुबह विधान भवन में बैठक करेगा, जहां पार्टी विधायकों द्वारा अपने नेता का चयन किए जाने की संभावना है। मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस को प्रमुख दावेदार माना जा रहा है।
मुंबई के आजाद मैदान में महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। भव्य मंच का निर्माण हो रहा है और गैलरी बनाई जा रही है, लेकिन मुख्यमंत्री पद पर किसका नाम होगा, यह अब भी सस्पेंस का विषय बना हुआ है। बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति ने राज्य चुनावों में भारी जीत हासिल की है। इसके तीन प्रमुख नेता अब तक राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए नहीं मिले हैं। आज बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस, शिवसेना के एकनाथ शिंदे और एनसीपी के अजित पवार अलग-अलग शहरों में व्यस्त रहे। देवेंद्र फडणवीस मुंबई में हैं, जबकि एकनाथ शिंदे स्वास्थ्य खराब होने के चलते ठाणे में आराम कर रहे थे और अजित पवार दिल्ली में "निजी दौरे" पर थे। अब बताया जा रहा है कि मंगलवार शाम देवेंद्र फडणवीस ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुंबई में उनके आवास पर मुलाकात की।
बीजेपी का विधायक दल कल सुबह विधान भवन में बैठक करेगा, जहां पार्टी विधायकों द्वारा अपने नेता का चयन किए जाने की संभावना है। मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस को प्रमुख दावेदार माना जा रहा है, लेकिन बीजेपी द्वारा शीर्ष पद के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा में देरी से अटकलों का बाजार गर्म है। महायुति के तीनों नेता बीजेपी विधायकों की बैठक के बाद एकसाथ मुलाकात कर सकते हैं। राज्यपाल से मुलाकात संभवतः कल, शपथ ग्रहण समारोह से एक दिन पहले होगी। इस बीच खबरें हैं कि महायुति में पावर शेयरिंग के फॉर्मूले पर सहमति बन रही है। तीनों दलों को उनकी ताकत के हिसाब से मंत्रालय दिए जा सकते हैं।
6-1 फॉर्मूले पर बनी सहमति, मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर खींचतान
एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि महाराष्ट्र में सत्ता साझेदारी के लिए 6-1 फॉर्मूले पर सहमति बनी है। इसके तहत, हर 6 विधायकों पर एक मंत्री पद दिया जाएगा। इस फॉर्मूले के तहत बीजेपी 20-22 मंत्री पद अपने पास रखेगी, जबकि शिंदे गुट को 12 और अजित पवार गुट को 9-10 मंत्रालय दिए जा सकते हैं। पिछली शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के पास गृह मंत्रालय था, जिसे वह छोड़ना नहीं चाहते। शिंदे गुट का तर्क है कि यदि उन्हें डिप्टी सीएम पद मिल रहा है, तो गृह मंत्रालय भी उनके पास होना चाहिए। लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी गृह मंत्रालय अपने पास रखने पर अड़ी है।
एक-एक डिप्टी सीएम बनाया जाएगा
दूसरी ओर, अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने मंत्रालयों में शिंदे गुट के बराबर हिस्सेदारी की मांग की है। एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा कि हमारी स्ट्राइक रेट बेहतर है, इसलिए मंत्रालय भी उसी के अनुसार दिए जाने चाहिए। अजित पवार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि मुख्यमंत्री पद बीजेपी के पास रहेगा। वहीं, शिवसेना और एनसीपी से एक-एक डिप्टी सीएम बनाया जाएगा।
गृह मंत्रालय को लेकर सस्पेंस अब भी बरकरार है। बीजेपी इसे किसी भी हाल में अपने पास रखना चाहती है। इसके अलावा, महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर पद को लेकर भी खींचतान जारी है। शिंदे गुट इसे अपनी पार्टी के पास रखना चाहता है। शिंदे और अजित पवार गुट के बीच पीडब्ल्यूडी, शहरी विकास और वित्त विभाग को लेकर भी टकराव की स्थिति है। शपथ ग्रहण समारोह से पहले सरकार के स्वरूप और प्रमुख मंत्रालयों के बंटवारे पर अंतिम फैसला आना बाकी है।