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चुनाव के पहले क्या झटका देंगे अजित पवार, बैनर पॉलिटिक्स से महायुति में हलचल; महाराष्ट्र में क्यों मचा है बवाल

  • अजित पवार ने शरद पवार का साथ छोड़कर एकनाथ शिंदे और देवेन्द्र फडणवीस से हाथ मिला लिया था और महायुति सरकार में शामिल हो गए। अब अजित पवार की वजह से ऐसी चर्चाएं हैं कि महायुति में सबकुछ सहज नहीं है।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, मुंबईFri, 6 Sep 2024 12:26 PM
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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों से पहले सत्ताधारी महायुति के भीतर अजित पवार को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। अजित पवार ने शरद पवार का साथ छोड़कर एकनाथ शिंदे और देवेन्द्र फडणवीस से हाथ मिला लिया था और महायुति सरकार में शामिल हो गए। अब अजित पवार की वजह से ऐसी चर्चाएं हैं कि महायुति में सबकुछ सहज नहीं है। अब अजित पवार की एनसीपी और महायुति की अन्य पार्टियों - एकनाथ शिंदे की शिवसेना और भाजपा के बीच बैनर पॉलिटिक्स को लेकर तनातनी बढ़ गई है, जो आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर महायुति के लिए नई चुनौती बन गई है।

शिवसेना के उत्पाद शुल्क मंत्री शंभूराज देसाई ने एनसीपी और उसके अध्यक्ष अजित पवार पर आरोप लगाया है कि पवार ने 'मुख्यमंत्री माझी लड़की बहन' योजना के प्रचार में शिंदे का नाम जानबूझकर हटा दिया है। देसाई का कहना है कि इस योजना के नाम में 'मुख्यमंत्री' शब्द को हटाना प्रोटोकॉल के खिलाफ है और यह शिवसेना के लिए एक बड़ा झटका है। उन्होंने कहा, "योजना का नाम 'मुख्यमंत्री' के साथ है, और इसका नाम हटाना अनुचित है। यह राज्य सरकार की योजना है और पवार को सभी को साथ लेकर चलना चाहिए था।"

बीते महीने टीओआई में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के 300 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इस शिलान्यास समारोह के बैनर पर भी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तस्वीरें नदारद थीं। इसके खिलाफ पूर्व भाजपा विधायक जगदीश मुलिक ने आपत्ति जताई है।

मुलिक ने सवाल उठाया, "क्या केवल भाजपा, शिवसेना और आरपीआई (ए) को ही गठबंधन धर्म का पालन करना होगा और अन्य को नहीं?" 18 अगस्त को जुन्नर में स्थानीय भाजपा नेताओं ने अजित पवार के 'जन सम्मान यात्रा' के दौरान काले झंडे लहराए। क्योंकि इस यात्रा के बैनरों पर शिंदे और फडणवीस की तस्वीरें नहीं थीं। ये बैनर स्थानीय एनसीपी विधायक अतुल बेंके द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पर्यटन पर बैठक के लिए लगाए गए थे।

चुनाव से पहले एनसीपी और महायुति की अन्य पार्टियों के बीच का मतभेद गठबंधन की दिशा किस ओर तय करेगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। मगर इस बीच उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने टीवी9 मराठी कॉन्क्लेव में बोलते महायुति, अजित पवार, विधानसभा चुनाव जैसे कई मुद्दों पर टिप्पणी की। उनसे पूछा गया कि क्या आपने अजित पवार के साथ गठबंधन करके गलती की? इस पर देवेन्द्र फडणवीस ने जवाब देते हुए कहा कि यह समय की मांग थी।

फडणवीस ने कहा, ''यह नहीं कहा जाएगा कि अजित पवार को अपने साथ लेना गलती थी। यह समय की जरूरत थी, इसलिए समय की जरूरत होने पर अगर मौका आता तो हम कैसे जाने देते।'' फडणवीस ने जोर देते हुए कहा कि महायुति से एनसीपी बाहर नहीं जा रही है। उन्होंने कहा कि हम लोकसभा की तरह विधानसभा में भी साथ हैं।

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