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शराब पीता था पति, व्हाट्सऐप पर दूसरी महिलाओं के साथ लगाता था डीपी; अब पत्नी को देगा 20 लाख

  • रिपोर्ट के मुताबिक, महिला ने अपने पति पर अत्यधिक शराब पीने, गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार, उत्पीड़न और वैवाहिक संबंधों में लापरवाही का आरोप लगाया था।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, पुणेFri, 17 Jan 2025 06:40 PM
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पुणे की एक फैमिली कोर्ट ने अपने आदेश में एक महिला को तलाक देते हुए पति को 20 लाख रुपये का भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। इसमें 10 लाख रुपये स्थायी गुजारा भत्ता और 10 लाख रुपये विवाह खर्च के रूप में शामिल हैं। कोर्ट ने पति को यह राशि छह महीने के भीतर चुकाने के लिए कहा है। इसके अलावा, पति को तीन महीने के भीतर पत्नी को पूरा सोना, दहेज और अन्य गिफ्ट की वस्तुएं लौटाने का भी आदेश दिया गया है।

महिला के वकीलों ने कहा कि "ऐसा आदेश पहले किसी कोर्ट द्वारा दिए जाने की हमें जानकारी नहीं है।" उनके अनुसार, पति को स्थायी गुजारा भत्ता और विवाह खर्च के रूप में इतनी बड़ी राशि चुकाने का यह आदेश अपनी तरह का दुर्लभ मामला है। पत्नी द्वारा पति पर लगाए गए आरोपों में एक आरोप ये भी है कि उसका पति व्हाट्सऐप और फेसबुक पर दूसरी महिलाओं के साथ तस्वीरें शेयर करता था। जिससे उसका मानसिक उत्पीड़न हुआ।

पति की हरकतों से मानसिक उत्पीड़न का आधार

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला ने अपने पति पर अत्यधिक शराब पीने, गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार, उत्पीड़न और वैवाहिक संबंधों में लापरवाही का आरोप लगाया था। कोर्ट ने इन आधारों पर तलाक मंजूर किया। वकीलों के अनुसार, "महिला ने शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न के साथ-साथ पति द्वारा लगातार उपेक्षा के आधार पर तलाक की अर्जी दाखिल की थी, जिस पर लगभग एक साल तक सुनवाई चली।"

सोशल मीडिया से बढ़ा उत्पीड़न

महिला के वकील ने बताया कि "अलग रहने के दौरान भी पति ने जानबूझकर व्हाट्सऐप पर अपनी डीपी में अन्य महिलाओं के साथ तस्वीरें लगाईं। फेसबुक पर भी उसने कई लड़कियों के साथ तस्वीरें पोस्ट कीं। ये सभी घटनाएं महिला के लिए मानसिक उत्पीड़न का कारण बनीं।"

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पत्नी की अपील पर पति ने किया इनकार

इसके बाद महिला ने पति के व्यवहार के कारण आपसी सहमति से तलाक लेने का अनुरोध किया। वकील ने बताया कि पति ने ऐसा करने से इनकार कर दिया और पत्नी को चेतावनी दी कि वह उसको इतनी आसानी से मुक्त नहीं करेगा। उन्होंने आगे कहा कि तलाक कम से कम 2 साल की निरंतर अवधि के लिए परित्याग के आधार पर दिया गया था। अदालत ने कहा कि पति पूरी तरह से स्वस्थ व्यक्ति है। उसने अगले आदेश तक बेटी की कस्टडी पत्नी को दे दी है और साथ ही पति को निर्देश दिया गया कि वह महिला और उसके परिवार से संपर्क करने की कोशिश न करे।

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