Hindi Newsमहाराष्ट्र न्यूज़How did Sharad Pawar party lose so many seats Did the election symbol trumpet cause confusion

85 पर लड़ी और सिर्फ 10 सीट जीती शरद पवार की पार्टी, क्या चुनाव चिह्न ने करा दिया कांड

  • एनसीपी एसपी नेता रोहित पवार ने लिखा था, 'मेरा चुनाव आयोग से बहुत साधारण सवाल है कि उनका काम कन्फ्यूजन बढ़ाना है या दूर करना है।' उन्होंने कहा, 'मेरे खिलाफ चुनाव लड़ रहे एक डमी कैंडिडेट को तुरही चुनाव चिह्न कैसे मिल गया…?

Nisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तानTue, 26 Nov 2024 09:19 AM
share Share
Follow Us on

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव वरिष्ठ नेता शरद पवार की अगुवाई वाली NCP SP के लिए भी चौंकाने वाले रहे। राज्य की 288 में से 85 सीटों पर लड़ी पार्टी महज 10 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी। कहा जा रहा है कि कई सीटों पर पार्टी के कमजोर प्रदर्शन की वजह चुनाव चिह्न भी हो सकती है। 23 नवंबर को घोषित नतीजों में राज्य में महायुति सरकार की वापसी हुई है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, तुरही चुनाव चिह्न वाले निर्दलीय उम्मीदवारों के चलते एनसीपी एसपी को कम से कम 9 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। खबर है कि सीनियर पवार की पार्टी की तरफ से मैदान में उतरे ये उम्मीदवार 377 से लेक 4516 वोटों जैसे अंतर से हारे हैं। वहीं, तुरही चिह्न वाले उम्मीदवारों ने इन क्षेत्रों में 2860 और 7430 वोट हासिल किए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, एनसीपी एसपी की तरफ से लड़ी गईं करीब 78 सीटों पर ऐसे निर्दलीय उम्मीदवार थे, जिनका चुनाव चिह्न तुरही था। खबर है कि लोकसभा चुनाव में भी सतारा से तुरही के चलते उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था। रिपोर्ट के मुताबिक, हार का सामना करना वालों में देवदत्त निकम भी हैं, जो अंबेगांव से एनसीपी के दिलीप वलसे पाटिल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे।

यहां उन्हें 1523 मतों से हार मिली। जबकि, निकम नाम के ही तुरही चुनाव चिह्न वाले एक निर्दलीय उम्मीदवार को 2965 मत मिले। घनसावंगी से मैदान में उतरे पूर्व मंत्री राजेश टोपे 2309 वोट से शिवसेना के हिकमत उदान के हाथों हार गए। यहां तुरही वाले निर्दलीय प्रत्याशी को 4830 वोट मिले।

करजत जामखेड़ सीट

इस सीट पर शरद पवार के पोते रोहित ने भारतीय जनता पार्टी के राम शिंदे को 1234 वोट से हराया। खास बात है कि इस सीट से तुरही चुनाव चिह्न पर उतरे एक निर्दलीय प्रत्याशी का नाम रोहित चंद्रकांत पवार था। उन्हें 3489 वोट मिले। एनसीपी एसपी नेता रोहित पवार ने लिखा था, 'मेरा चुनाव आयोग से बहुत साधारण सवाल है कि उनका काम कन्फ्यूजन बढ़ाना है या दूर करना है।'

उन्होंने कहा, 'मेरे खिलाफ चुनाव लड़ रहे एक डमी कैंडिडेट को तुरही चुनाव चिह्न कैसे मिल गया, जिसके चलते मतदाताओं को भ्रम हुआ। सच्चाई बाहर आनी चाहिए और लोकतंत्र को खत्म करने के ऐसे सभी प्रयास रुकने चाहिए।'

अखबार से बातचीत में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनीस गवांडे ने कहा, 'तुरही चुनाव चिह्न वाले उम्मीदवारों को कम वोट मिले। हालांकि, हार जीत की बात आती है तो उन्होंने कई अहम सीटों पर बड़ी भूमिका निभाई है। तुरही और वजवनारा मानुस को लेकर कन्फ्यूजन काफी कम हो गया है। हमारे उम्मीदवारों की हार में कई और फैक्टर भी थे। हमने चुनाव आयोग से तुतारी चुह्न को फ्रीज करने की मांग की, लेकिन उन्हें अस्वीकार कर दिया गया। हमारे बैलेट यूनिट पर चिह्न के आकार में थोड़ा इजाफा हुआ। हम आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए चिह्न को फ्रीज कराने की मांग लेकर मुख्य चुनाव अधिकारी के पास जाएंगे।'

अगला लेखऐप पर पढ़ें