फडणवीस को पता होना चाहिए कि उद्धव को कहां रखना है; ठाकरे से मुलाकात पर बिफरा शिंदे गुट
- उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्य सरकार से यह भी अपील की कि किसी भी हालत में उद्धव ठाकरे को हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे के स्मारक के अध्यक्ष पद से हटा दिया जाए। उस स्मारक का उद्धव ठाकरे से कोई संबंध नहीं रहना चाहिए।
मुंबई महानगरपालिका चुनावों को ध्यान में रखते हुए शिवसेना शिंदे गुट ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में जीत हासिल करने के लिए मालाड ईस्ट स्थित कुरार विलेज में शिवसैनिकों का एक बड़ा मेला और नवनिर्वाचित विधायकों का स्वागत समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन दिंडोशी विभाग प्रमुख वैभव भराडकर ने किया था। कार्यक्रम में सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे और शिवसेना शिंदे गुट के नेता रामदास कदम प्रमुख रूप से उपस्थित थे। इस कार्यक्रम के बाद रामदास कदम ने उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे पर जमकर हमला बोला।
रामदास कदम ने कहा, "पिछले 35 सालों से मुंबई महानगरपालिका उद्धव ठाकरे के हाथों में है। इन 35 वर्षों में मुंबई में लगभग 60 प्रतिशत मराठी लोग बाहर फेंके गए। क्या इसके लिए उद्धव ठाकरे जिम्मेदार नहीं हैं?" उन्होंने आगे कहा, "उद्धव ठाकरे ने मराठी मानसों को नष्ट कर दिया, यह एक सच्चाई है। भविष्य में उद्धव ठाकरे को मराठी मानसों का नाम लेने का कोई अधिकार नहीं है।"
रामदास कदम ने बाला साहेब ठाकरे के स्मारक पर उद्धव ठाकरे के हालिया बयान पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "उद्धव ठाकरे ने शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे के विचारों को नकारा और कांग्रेस के साथ जाकर गद्दारी की। ऐसे व्यक्ति को शिवसेना प्रमुख के स्मारक में जाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।"
उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्य सरकार से यह भी अपील की कि किसी भी हालत में उद्धव ठाकरे को हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे के स्मारक के अध्यक्ष पद से हटा दिया जाए। उस स्मारक का उद्धव ठाकरे से कोई संबंध नहीं रहना चाहिए।
रामदास कदम ने आदित्य ठाकरे और उद्धव ठाकरे की देवेंद्र फडणवीस से मुलाकातों पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "आदित्य ठाकरे हर बार देवाभाऊ, देवाभाऊ कहते हुए फडणवीस से मिलने जाते हैं। उद्धव ठाकरे इतने बड़े फूलों के गुलदस्ते के साथ फडणवीस से मिलते हैं। कल तक जो कह रहे थे 'तू रहेगा या मैं' वह आज अचानक कैसे बदल गए?" उन्होंने यह भी कहा कि देवेंद्र फडणवीस को यह सोचना चाहिए कि उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे को कहां तक रखा जाए।