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एकनाथ शिंदे को ठाणे में ही टेंशन देने की भाजपा ने ठानी, मंत्री लगाएंगे जनता दरबार; बढ़ रही दरार

  • भाजपा के मंत्री गणेश नाइक ने बुधवार को कहा कि हम चाहते हैं कि ठाणे में कमल खिले। भाजपा का यह उत्साह और ठाणे को लेकर प्लान एकनाथ शिंदे के लिए टेंशन भरा है, जो उद्धव ठाकरे से बागी होकर सीएम बने थे और अब उनका ही गुट शिवसेना नाम से पार्टी चला रहा है।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, मुंबईThu, 30 Jan 2025 09:47 AM
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एकनाथ शिंदे को ठाणे में ही टेंशन देने की भाजपा ने ठानी, मंत्री लगाएंगे जनता दरबार; बढ़ रही दरार

एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पूरे ढाई साल तक भाजपा और शिवसेना की सरकार चली थी। लेकिन नई सरकार में समीकरण बदले तो हालात भी बदल चुके हैं। अब भाजपा ड्राइविंग सीट पर है और एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम हैं। यही नहीं एकनाथ शिंदे की तमाम नाराजगी और रस्साकशी के बाद भी उनकी पसंद के मंत्रालय उन्हें नहीं मिल पाए। अब उनके सामने एक और मुश्किल खड़ी हो गई है। भाजपा उनके गढ़ कहे जाने वाले ठाणे में अपना जनाधार बढ़ाना चाहती है और इसके लिए खुलकर बैटिंग शुरू कर दी है। भाजपा के मंत्री गणेश नाइक ने बुधवार को कहा कि हम चाहते हैं कि ठाणे में कमल खिले। भाजपा का यह उत्साह और ठाणे को लेकर प्लान एकनाथ शिंदे के लिए टेंशन भरा है, जो उद्धव ठाकरे से बागी होकर सीएम बने थे और अब उनका ही गुट शिवसेना नाम से पार्टी चला रहा है।

ठाणे के प्रभारी मंत्री एकनाथ शिंदे हैं। इसलिए वहां विकास के मामलों और जनहित से जुड़े किसी विषय पर एकनाथ शिंदे ही सुनवाई करते हैं। अब यहां गणेश नाइक भी जनता दरबार लगाना चाहते हैं। वह पड़ोस के पालघर जिले के प्रभारी मंत्री हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि वह ठाणे में भी जनता दरबार लगाएंगे। नवी मुंबई से आने वाले नाइक वन मंत्री भी हैं। उनका कहना है कि वह तीन महीने में एक बार ठाणे में जनता दरबार लगाएंगे। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग मुझसे मिल सकते हैं और अपनी समस्याएं बता सकते हैं। शिवसेना से जुड़े लोगों का कहना है कि यह सब इसलिए हो रहा है ताकि एकनाथ शिंदे को कमजोर किया जा सके। हम ऐसा नहीं होने देंगे।

चुनाव नतीजे आने के बाद से ही खींचतान जारी है। एकनाथ शिंदे की रस्साकशी को भाजपा भूली नहीं है। इसके अलावा नासिक और रायगढ़ के प्रभारी मंत्रियों को लेकर भी शिंदे ने ऐतराज जताया था और फिर फैसले पर ही रोक लगानी पड़ी। अब नाइक ने एकनाथ शिंदे को नई टेंशन देते हुए ठाणे में सक्रियता का ऐलान किया है। इसका जवाब भी एकनाथ शिंदे गुट ने तुरंत ही दिया है। टूरिज्म मिनिस्टर शंभूराज देसाई ने कहा कि गणेश नाइक ने यह कदम सोच-समझकर उठाया है। वहीं एकनाथ शिंदे गुट के सांसद नरेश म्हासके ने कहा कि ऐसा हुआ तो हमारे लोग भी पालघर में जनता दरबार लगाएंगे। गणेश नाइक ने ठाणे को लेकर यह भी कहा था कि यदि आप यहां का विकास चाहते हैं तो कमल खिलाना होगा।

गणेश नाइक का भाजपा नेतृत्व ने भी किया समर्थन

यह विवाद इस कदर बढ़ गया है कि गणेश नाइक का समर्थन प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर वावनकुले ने भी किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी उन इलाकों में मंत्रियों को लगा रही है, जहां उसका प्रभारी मंत्री नहीं है। ऐसा इसलिए ताकि जनहित के काम हो सकें। यही नहीं एकनाथ शिंदे सेना की आपत्ति को भी उन्होंने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि एक मंत्री तो पूरे राज्य का होता है। बावनकुले ने कहा कि हम उन इलाकों में अपने मंत्रियों को संपर्क मंत्री के तौर पर तैनात करते हैं, जहां सहयोगी दलों का प्रभारी होता है। इससे लोगों का फायदा होगा और उनके काम आसानी से हो सकेंगे। इस तरह आने वाले समय में देखना दिलचस्प होगा कि य़ह खींचतान क्या रुख लेती है।

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