मेरे पिता 2 साल जेल में रहे, आपातकाल के अत्याचारों को दिखाती है फिल्म; 'इमरजेंसी' पर बोले फडणवीस
- देवेंद्र फडणवीस ने अपने निजी अनुभव को याद करते हुए कहा, ‘मैं तब 5-6 साल का था और उस दौरान मेरे पिता दो साल तक जेल में रहे थे। अगली पीढ़ियों को आपातकाल के दौरान किए गए अत्याचारों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।’
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आने वाली पीढ़ियों को आपातकाल के बारे में बताए जाने की जरूरत बताई है। मुंबई में फिल्म इमरजेंसी की स्पेशल स्क्रीनिंग के बाद उन्होंने कहा, ‘यह हमारे इतिहास का ऐसा दौर था, जब लोगों के अधिकार छीन लिए गए थे। लाखों नेताओं और नागरिकों को 2 साल तक जेल में रखा गया था। यह फिल्म आपातकाल के दौरान हुए अत्याचारों को दिखाती है।’ सीएम फडणवीस ने आपातकाल को एक काला अध्याय बताते हुए कहा कि उस समय संवैधानिक अधिकारों का दमन किया गया था और लाखों लोगों को जेल में डाल दिया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में लोकतंत्र को जीवित रखने के लिए लोगों को आपातकाल का इतिहास पढ़ाया जाना चाहिए। फिल्म इमरजेंसी का निर्देशन भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने किया है। उन्होंने फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका भी निभाई है। यह फिल्म 1975 से 1977 के बीच इंदिरा की ओर से लगाए गए 21 महीनों के आपातकाल पर आधारित है। फडणवीस ने कहा, ‘कंगना ने इंदिरा गांधी के किरदार को प्रभावी ढंग से निभाया है। फिल्म न केवल आपातकाल के काले दौर को उजागर करती है, बल्कि 1971 के युद्ध और पूर्व प्रधानमंत्री के जीवन को भी दर्शाती है।’
मेरे पिता 2 साल तक जेल में रहे: फडणवीस
देवेंद्र फडणवीस ने आपातकाल के दौरान अपने निजी अनुभव को याद करते हुए कहा, ‘मैं तब 5-6 साल का था और उस दौरान मेरे पिता दो साल तक जेल में रहे थे। अगली पीढ़ियों को आपातकाल के दौरान किए गए अत्याचारों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।’ फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस ने उस समय संविधान को कुचलकर पूरे देश को जेल में बदल दिया था, लेकिन अब लगातार उसी संविधान का राग अलाप रही है। उन्होंने कहा कि आपातकाल के इतिहास को सामने लाने की जरूरत है। मालूम हो कि फिल्म इमरजेंसी 17 जनवरी को सिनेमाघरों में दिखाई जाएगी।