Maharashtra CM Oath: अब किस बात पर अड़े हैं शिंदे? शपथ ग्रहण से पहले भी शर्तें, क्यों दे रहे BJP को टेंशन
- Maharashtra CM Oath: संभावनाएं जताई जा रही हैं कि गुरुवार को एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम पद की शपथ ले सकते हैं। फडणवीस ने भी जानकारी दी है कि औपचारिक पत्र के जरिए शिवसेना ने सरकार को समर्थन दे दिया है।
CM of Maharashtra: महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी नेता देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं, लेकिन शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे की सरकार में हिस्सेदारी को लेकर तस्वीर साफ नहीं है। कहा जा रहा है कि वह डिप्टी सीएम बनने के लिए तो तैयार हो गए हैं, लेकिन कैबिनेट में उनका स्थान क्या होगा यह अब तक तय नहीं हुआ है। खबर है कि वह लगातार गृहमंत्रालय की मांग पर अड़े हुए हैं। जब शिंदे सीएम थे, तब यह विभाग फडणवीस के पास था।
संभावनाएं जताई जा रही हैं कि गुरुवार को शिंदे डिप्टी सीएम पद की शपथ ले सकते हैं। फडणवीस ने भी जानकारी दी है कि औपचारिक पत्र के जरिए शिवसेना ने सरकार को समर्थन दे दिया है। साथ ही उन्होंने सरकार में भी शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा, 'कल मैं एकनाथ शिंदे से मिला और उन्हें कहा कि यह महायुति के कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि उन्हें इस सरकार में हमारे साथ होना चाहिए। मुझे पूरा भरोसा है कि वह हमारे साथ होंगे...।'
क्या चाहती है शिवसेना
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, शिंदे गृहमंत्रालय के साथ कैबिनेट में शिवसेना के लिए 12 मंत्री पद चाहते हैं। शिवसेना प्रमुख का मानना है कि नई सरकार में सीएम पद नहीं मिलने के चलते सिर्फ गृहमंत्रालय ही है जो उनके लिए उचित होगा। रिपोर्ट में अंदरूनी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि अगर बीजेपी और फडणवीस गृहमंत्रालय नहीं छोड़ते हैं, तो शिंदे को शहरी विकास, राजस्व, ऊर्जा जैसे मंत्रालय दिए जा सकते हैं।
इधर, शिवसेना के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि शिंदे गृहमंत्रालय पर अड़े हुए हैं। यह एक धारणा बनाने में उनकी मदद करेगा कि सीएम पद जाने के बाद भी उनकी ताकत कम नहीं हुई है।
अखबार से बातचीत में शिवसेना के एक अंदरूनी सूत्र ने बताया, 'अब तक शिंदे के पास पुलिस, नागरिक प्रशासन और शहरी विकास विभाग थे। उनका दबदबा इतना था कि कभी कभी फडणवीस भी बगैर ताकत के नजर आते थे। चूंकि फडणवीस का सरकार पर नियंत्रण होगा, तो ऐसे में शिंदे गृहविभाग या कुछ बड़े मंत्रालय चाहते हैं जो सत्तारूढ़ गठबंधन में उनकी स्थिति को मजबूत रख सके।'
उन्होंने इसके लिए छगन भुजबल का उदाहरण दिया, जो विलासराव देशमुख की अगुवाई वाली एनसीपी-कांग्रेस सरकार में उपमुख्यमंत्री थे। भुजबल को भी गृहमंत्रालय मिला था। रिपोर्ट के अनुसार, शिंदे के करीबियों का कहना है कि वह सरकार में शामिल होने के लिए तैयार हो गए हैं, लेकिन कैबिनेट का हिस्सा बनने को लेकर कोई वादा नहीं किया है। इधर, शिवसेना चीफ ने भी कोई वादा नहीं किया है और मीडिया से कहा है कि वह इस मुद्दे पर पार्टी के नेताओं से चर्चा करेंगे।
क्या BMC चुनाव भी हैं वजह
शिंदे के एक करीबी का यह भी कहना है कि अगली चुनौती शिवसेना और शिवसेना यूबीटी के बीच खींचतान की होगी। अब तक शिवसेना यूबीटी और कांग्रेस के 48 पूर्व पार्षद शिवेसना में आ चुके हैं। ऐसे में गृह जैसा प्रभावशाली विभाग महायुति गठबंधन की चुनाव में मदद करेगा।