Hindi Newsमहाराष्ट्र न्यूज़Devendra Fadnavis day after taking charge as CM I was targeted in most uncivilised language

मुझे छोटी-छोटी बातों के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे थे, मैंने मानसिक उत्पीड़न झेला: CM फडणवीस

  • फडणवीस ने स्वीकार किया कि उनके आलोचकों के व्यवहार ने उन्हें मानसिक उत्पीड़न झेलने पर मजबूर किया, लेकिन यह उनकी लड़ाई को मजबूत बनाने का कारण भी बना।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, मुंबईSat, 7 Dec 2024 09:57 PM
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के एक दिन बाद, देवेंद्र फडणवीस ने विरोधियों और सोशल मीडिया ट्रोल्स को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ “असभ्य भाषा” का इस्तेमाल किया गया लेकिन इससे उन्हें जनता की सहानुभूति प्राप्त हुई। शुक्रवार को डीडी सह्याद्री टीवी चैनल को दिए गए एक इंटरव्यू में फडणवीस ने कहा, “मैं उनका धन्यवाद करना चाहता हूं जिन्होंने मुझे निशाना बनाया। लगातार मुझ पर हमले करने से जनता के बीच मेरी सहानुभूति बढ़ी। लोगों ने महसूस किया कि मेरे साथ अन्याय हो रहा है। पार्टियां और ट्रोल्स मुझे छोटी-छोटी बातों के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे थे... उन्होंने मेरे खिलाफ बेहद असभ्य भाषा का इस्तेमाल किया। इसी वजह से मुझे जनता का समर्थन मिला।”

फडणवीस ने स्वीकार किया कि उनके आलोचकों के व्यवहार ने उन्हें मानसिक उत्पीड़न झेलने पर मजबूर किया, लेकिन यह उनकी लड़ाई को मजबूत बनाने का कारण भी बना। उन्होंने कहा, “उनके व्यवहार ने मुझे ताकत दी कि मैं लड़ाई लड़ूं, उन्हें हराऊं और उन्हें उनकी सही जगह दिखाऊं। मैंने उनके व्यवहार के कारण मानसिक उत्पीड़न झेला... लेकिन इससे मुझे नुकसान नहीं हुआ, बल्कि फायदा हुआ।” देवेंद्र फडणवीस ने 5 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इससे कुछ दिन पहले महायुति गठबंधन ने विधानसभा चुनाव में 288 में से 230 सीटों पर स्पष्ट बहुमत हासिल किया।

गठबंधन में समन्वय पर बोले फडणवीस

भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के बीच समन्वय बनाए रखने के सवाल पर फडणवीस ने कहा, “पिछले ढाई वर्षों में हमने दिखाया है कि तीनों पार्टियां न केवल एक साथ काम कर सकती हैं, बल्कि तेजी से काम कर सकती हैं। यह हमारे लिए कोई नई बात नहीं है। हम अच्छे समन्वय को सुनिश्चित करेंगे।”

स्थानीय चुनावों पर फडणवीस की राय

स्थानीय निकाय चुनावों पर लंबे समय से रोक को लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, “एक मजबूत लोकतंत्र में चुनाव न कराना उचित नहीं है। यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। कल ही मैंने सरकारी वकील से बात की और अदालत से रोक हटाने का अनुरोध करने को कहा। हमारा प्रयास रहेगा कि चुनाव जल्द से जल्द कराए जाएं।”

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