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विधानसभा को बाजार बना दिया; विधायकों पर क्यों भड़के देवेंद्र फडणवीस, जीत लिया विश्वास मत

  • सीएम ने आश्चर्य जताते हुए कहा, ‘अगर इतनी भीड़ रहेगी, तो यह सदन ठीक से कैसे चलेगा?’ उन्होंने कहा कि कई निर्वाचित जनप्रतिनिधि काम के लिए विधान भवन के अंदर अलग-अलग कक्षों में अपने समर्थकों के साथ जाते हैं। लेकिन कभी-कभी इन कक्षों में बहुत अधिक लोग इकट्ठा हो जाते हैं और कोई दूसरा अंदर नहीं जा पाता।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, मुंबईMon, 9 Dec 2024 02:58 PM
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को उन विधायकों को आड़े हाथों लिया, जो विधानसभा में अपने समर्थकों की भीड़ के साथ आते हैं। उन्होंने कहा कि हम विधानसभा को बाजार नहीं बना सकते। उन्होंने विधान भवन में भीड़ प्रबंधन का आह्वान करते हुए कहा कि परिसर को ‘बाजार’ नहीं बनाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि विधान भवन में भीड़ रहेगी तो सदन ठीक से कैसे चल पाएगा। उन्होंने कहा, ‘मैं जो कहने जा रहा हूं, उससे कुछ विधायकों को ठेस पहुंच सकती है, लेकिन हमें विधान भवन परिसर में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है।'

फडणवीस ने कहा कि मैं इस शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहता। लेकिन मुझे स्थिति का वर्णन करने के लिए इससे बेहतर कोई विकल्प नहीं मिल रहा है। यह परिसर ‘बाजार’ नहीं बनना चाहिए।’ मुख्यमंत्री ने आश्चर्य जताते हुए कहा, ‘अगर विधान भवन में इतनी भीड़ रहेगी, तो यह सदन ठीक से कैसे चलेगा?’ उन्होंने कहा कि कई निर्वाचित जनप्रतिनिधि काम के लिए विधान भवन के अंदर अलग-अलग कक्षों में अपने समर्थकों के साथ जाते हैं। लेकिन कभी-कभी इन कक्षों में बहुत अधिक लोग इकट्ठा हो जाते हैं और कोई दूसरा अंदर नहीं जा पाता। फडणवीस ने सदन में राजनीतिक संवाद में कमी पर भी निराशा व्यक्त की।

विश्वास मत में पास हुई फडणवीस की सरकार

उन्होंने कहा, ‘विधानसभा में संवाद नदारद है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि यह बंद हो गया है, लेकिन इसमें कमी जरूर आई है। हम सभी को इस पर काम करने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की राजनीतिक संस्कृति ऐसी नहीं रही है, जैसी इन दिनों दिख रही है। उन्होंने कहा कि आपस में संवाद बना रहना चाहिए, तभी जरूरी मसलों का हल निकल पाएगा। इस दौरान सदन में विश्वास मत भी लाया गया, जो बिना किसी विरोध के पारित हो गया। यह प्रस्ताव शिवसेना के नेता उदय सामंत और एनसीपी के लीडर दिलीप वलसे पाटिल ने पेश किया था। वहीं भाजपा के संजय कुटे भी इसे पेश करने वाले नेताओं में शामिल थे।

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