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महायुति छोड़ देंगे छगन भुजबल? MVA भी स्वागत को तैयार, आज ले सकते हैं बड़ा फैसला

  • 'जहां नहीं चैना, वहां नहीं रहना' टिप्पणी को लेकर अटकलों के बीच छगन भुजबल ने कहा कि वह बुधवार को राकांपा कार्यकर्ताओं और येवला निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से चर्चा करने के बाद कुछ कहेंगे।

Nisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तानWed, 18 Dec 2024 08:57 AM
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NCP यानी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता छगन भुजबल खुलकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद नहीं दिए जाने के बाद से ही वह लगातार बयान दे रहे हैं। अब खबर है कि राज्य के विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी के नेता भुजबल को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं। इनमें शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे समेत कई बड़े नेता शामिल हैं। महायुति सरकार के 39 मंत्रियों में भुजबल का नाम नहीं है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ठाकरे ने कहा, 'मुझे भुजबल के लिए दुख होता है। वह समय समय पर मेरे संपर्क में बने रहे हैं।' पांच बार के विधायक और कांग्रेस नेता नितिन राउत ने भुजबल को मंत्री नहीं बनाए जाने को अन्याय करार दिया है। साथ ही उन्होंने सरकार पर OBC यानी अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ भी अन्याय करने के आरोप लगाए हैं।

राउत ने कहा, 'आप (भुजबल) को देर से ही सही, लेकिन ओबीसी और पिछड़ा वर्गों के खिलाफ इन लोगों के काम करने के तरीके का एहसास हुआ है। आपको यह विचार करना चाहिए कि आप किसके साथ और कैसे रहना चाहते हैं...। आपके जैसा सक्षम व्यक्ति अगर हमारे साथ काम करने तैयार होता है, तो हम आपका स्वागत करने के लिए तैयार हैं।' वरिष्ठ नेता शरद पवार ने भी भुजबल मामले में प्रतिक्रिया दी है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, एनसीपी एसपी के वरिष्ठ नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा, 'उनकी उम्र, स्वभाव और संघर्ष को देखते हुए उन्हें न्याय मिलना चाहिए। मराठा और ओबीसी में बंटवारा सरकार ने कराया था...। अब उसी भुजबल को पीछे की सीट पर धकेल दिया गया है।' फिलहाल, इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है कि भुजबल का अगला सियासी कदम क्या होगा। वह पहले भी महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रहे हैं।

अजित पवार पर भड़के

भुजबल ने उत्तर महाराष्ट्र के अपने गृह जिले नासिक में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उन्होंने अपने समर्थकों से मुलाकात की और बताया कि क्यों उन्हें देवेंद्र फडणवीस नीत मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। उन्होंने कहा, 'शरद पवार भी हमसे कुछ हद तक मामलों पर चर्चा करते थे। शरद पवार से असहमत होने पर भी चर्चा होती थी। यहां कोई चर्चा या जानकारी साझा नहीं की जाती है। अंतिम क्षण तक किसी को कोई जानकारी नहीं होती। केवल अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे ही सभी निर्णयों के बारे में जानते हैं। हमें नहीं पता कि लोकसभा या विधानसभा चुनाव के लिए किसे टिकट मिलेगा। निर्णय लेने की प्रक्रिया में हमारी भागीदारी शून्य है।'

'जहां नहीं चैना, वहां नहीं रहना' टिप्पणी को लेकर अटकलों के बीच भुजबल ने कहा कि वह बुधवार को राकांपा कार्यकर्ताओं और येवला निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से चर्चा करने के बाद कुछ कहेंगे।

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