एकनाथ शिंदे और अजित पवार को फिर पावर दिखाएगी भाजपा, अकेले ही निकाय चुनाव लड़ने का प्लान
- रणनीतिकारों का कहना है कि इससे भाजपा को निचले स्तर तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा मुंबई, पुणे, नागपुर समेत तमाम शहरों में वह अपनी ताकत को भी आंक सकेगी। भाजपा के अलावा अन्य दल भी अकेले ही लड़ने के पक्ष में हैं। अघाड़ी में तो उद्धव सेना दोहरा चुकी है कि वह निकाय चुनाव में अकेले ही उतरेगी।
महाराष्ट्र में भाजपा ने विधानसभा चुनाव में 133 सीटों पर जीत हासिल करके करिश्मा कर दिया था। महज 148 पर लड़ने वाली भाजपा ने करीब 90 फीसदी सीटों पर जीत हासिल की और महाराष्ट्र की राजनीति में भाजपा की यह सबसे बड़ी सफलता है। इसके पीछे आरएसएस की प्लानिंग और मेहनत को भी एक वजह माना जाता है। इस बीच आरएसएस और भाजपा ने निकाय चुनाव की तैयारियां भी तेज कर दी हैं। पार्टी के रणनीतिकारों की राय है कि निकाय चुनाव में अकेले ही उतरा जाए ताकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना और एनसीपी के मुकाबले ताकत दिखाई जा सके। आरएसएस के लोगों की भी राय है कि भाजपा को निकाय चुनाव में अकेले ही उतरना चाहिए।
रणनीतिकारों का कहना है कि इससे भाजपा को निचले स्तर तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा मुंबई, पुणे, नागपुर समेत तमाम शहरों में वह अपनी ताकत को भी आंक सकेगी। भाजपा के अलावा अन्य दल भी अकेले ही लड़ने के पक्ष में हैं। खासतौर पर महाविकास अघाड़ी में तो उद्धव सेना कई बार दोहरा चुकी है कि वह निकाय चुनाव में अकेले ही उतरेगी। उद्धव सेना के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा, 'पूरे महाराष्ट्र से शिवसैनिकों की राय सामने आ रही है कि हमें अकेले ही चुनाव में उतरना चाहिए। हाईकमान तक यह बात पहुंची है।' उद्धव सेना का कहना है कि इससे हमें दो फायदे होंगे। पहला, यह कि इससे पूरे राज्य में कार्यकर्ता उत्साहित होंगे। दूसरा, पार्टी के ज्यादा से ज्यादा लोगों को चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा।
भाजपा ने तो रणनीति बनाना भी तेज कर दिया है। भाजपा ने अपने सभी आनुषांगिक संगठनों को सक्रिय कर दिया है। हाल ही में भायंदर में भाजपा की एक मीटिंग निकाय चुनाव की तैयारियों को लेकर हुई थी। इस बैठक में सीएम देवेंद्र फडणवीस और प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले भी मौजूद थे। पार्टी के एक लीडर ने कहा कि निकाय चुनाव में आरएसएस भी सहयोग करेगा। भायंदर की मीटिंग में इसे लेकर मंथन भी हुआ है। उन्होंने कहा कि आरएसएस के लोगों ने निचले स्तर पर काम किया औऱ उसका चुनाव में हमें फायदा मिला है। बता दें कि फिलहाल महाराष्ट्र निकाय चुनाव में ओबीसी कोटे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। कहा जा रहा है कि उच्चतम न्यायालय से फैसला आने के बाद कभी भी चुनाव कराए जा सकते हैं।
बता दें कि बीएमसी समेत देश के 27 निकायों में चुनाव होने हैं। इसके अलावा जालना समेत दो नए निकायों में भी इलेक्शन होने हैं। यहां पहली बार निकाय चुनाव होने हैं। फिलहाल यहां पर सरकार की ओर से तय किए गए प्रशासक ही शासन चला रहे हैं। बता दें कि लंबे समय से महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव लंबित हैं। लेकिन अब विधानसभा चुनाव में बड़ी सफलता के बाद सभी सत्ताधारी दल निकाय चुनाव कराने के पक्ष में हैं।