महाराष्ट्र में सीएम पद की रेस के बीच भाजपा की बढ़ गई ताकत, बहुमत के थोड़ा और करीब
- महाराष्ट्र में 20 नवंबर को हुए चुनाव से पहले पाटिल कोल्हापुर की चांदगढ़ सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक थे। हालांकि महायुति सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे के तहत अजित पवार की एनसीपी ने इस सीट से अपना उम्मीदवार खड़ा कर दिया। शिवाजी पाटिल ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और राजेश पाटिल को हराया।
महाराष्ट्र में भाजपा को 132 सीटें मिली हैं और वह अकेले दम पर बहुमत पाने से मात्र 13 सीट ही दूर रही। यही नहीं महज 148 सीटों पर लड़कर भाजपा ने यह सफलता प्राप्त की है, ऐसे में उसकी उम्मीदें परवान चढ़ी हैं और वह अपना ही सीएम बनाना चाहती है। वहीं एकनाथ शिंदे भी दावा ठोक रहे हैं और उनके नेताओं का कहना है कि शिंदे के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा गया था। इसलिए सीएम उन्हें ही बनाना चाहिए। इस बीच भाजपा की ताकत और बढ़ गई है और उसके पास 133 विधायक हो गए हैं। इसकी वजह यह है कि निर्दलीय विधायक शिवाजी पाटिल ने पार्टी का समर्थन कर दिया है।
पाटिल ने रविवार को देर रात डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और भाजपा को बिना शर्त समर्थन का ऐलान किया। पार्टी के एक पदाधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को हुए राज्य विधानसभा चुनाव से पहले पाटिल कोल्हापुर जिले की चांदगढ़ सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक थे। हालांकि महायुति सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे के तहत अजित पवार की एनसीपी ने इस सीट से अपना उम्मीदवार खड़ा कर दिया। शिवाजी पाटिल ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और एनसीपी के राजेश पाटिल को हराया।
पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया कि उन्होंने रविवार रात फडणवीस से मुलाकात कर भाजपा को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की और इस आशय का एक पत्र सौंपा। फडणवीस ने आभार स्वरूप उन्हें शॉल भेंट की। शनिवार को घोषित राज्य चुनाव परिणामों में महायुति गठबंधन ने 288 विधानसभा में से 230 सीट हासिल कीं।
महायुति गठबंधन में भाजपा, निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा शामिल है। सहयोगी दलों में भाजपा ने 148 सीट पर चुनाव लड़कर 132 सीट जीतीं, जबकि शिवसेना और राकांपा को क्रमशः 57 और 41 सीट मिलीं। राज्य में सरकार बनाने को लेकर किसी पार्टी या गठबंधन के लिए बहुमत का आंकड़ा 145 है।