चॉकलेट, मीटिंग और सम्मान; विधानसभा में ठाकरे गुट से भाजपा की दिखी करीबी, शिंदे पर कयास
- विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने सुनील राउत से मुलाकात की, जो संजय राउत के भाई हैं। इसके अलावा यह भी चर्चा है कि सुनील राउत को नेता विपक्ष की जिम्मेदारी मिल सकती है। वह विखरोली विधानसभा सीट से चुनकर सदन में पहुंचे हैं।

महाराष्ट्र में नई सरकार बनने के बाद से ही चर्चाएं चलती रहती हैं कि सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच रिश्ते सहज नहीं हैं। सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा का सत्र भी शुरू हो गया, जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना और भाजपा नेताओं के बीच नजदीकी थी। इन रिश्तों ने एकनाथ शिंदे गुट को असहज कर दिया है। विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने सुनील राउत से मुलाकात की, जो संजय राउत के भाई हैं। इसके अलावा यह भी चर्चा है कि सुनील राउत को नेता विपक्ष की जिम्मेदारी मिल सकती है। वह विखरोली विधानसभा सीट से चुनकर सदन में पहुंचे हैं। नार्वेकर से उनकी मुलाकात ने चर्चाएं तेज कर दी हैं कि कहीं उन्हें ही नेता विपक्ष की जिम्मेदारी न दे दी जाए।
नार्वेकर और सुनील राउत की मुलाकात के बाद वरुण सरदेसाई और सीएम देवेंद्र फडणवीस की भी मुलाकात हुई। यह मीटिंग अहम थी और इसकी खूब चर्चा भी है। वजह यह कि वरुण सरदेसाई उद्धव ठाकरे के रिश्तेदार हैं। वह उद्धव ठाकरे के भतीजे लगते हैं। ऐसे में उनकी सीएम से मुलाकात की चर्चा है। उन्होंने मीटिंग के बाद कहा कि मैंने असेंबली एरिया में विकास के लिए सीएम से मुलाकात की थी। फिर भी राजनीति में मुलाकातों के निहितार्थ तो निकाले ही जाते हैं। इस तरह करीबी सुनील राउत और रिश्तेदार वरुण सरदेसाई की भाजपा नेताओं से मुलाकात ने कयासों को तेज कर दिया है। इन मीटिंग्स से भले ही फिलहाल कोई नतीजा नहीं निकाला जा सकता, लेकिन एकनाथ शिंदे के लिए यह चिंता की बात है।
रविवार शाम को ही अजित पवार ने उनके मजे ले लिए थे। सीएम फडणवीस के साथ दोनों नेता मौजूद थे और इसी दौरान अजित पवार ने कहा कि आप अपने सीएम पद की रक्षा नहीं कर पाए। इसमें मैं क्या कर सकता हूं। इतना कहना था कि ठहाके लगने लगे। वहीं एकनाथ शिंदे थोड़ा परेशान दिखे। एक वाकया और हुआ है। भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल ने विधान परिषद में विपक्ष के नेताओं को चॉकलेट दी। उन्होंने आदित्य ठाकरे से भी मीटिंग की और उन्हें चॉकलेट दी। माना जा रहा है कि उद्धव ठाकरे सेना और भाजपा के बीच खाई को पाटने के लिए ऐसी मुलाकातें हो रही हैं। फिलहाल देखना होगा कि असेंबली इलेक्शन में क्या स्थिति रहती है।