बदलापुर रेप केस के आरोपी की हिरासत में कैसे हुई मौत? 5 पुलिसकर्मी ठहराए गए जिम्मेदार
- अक्षय शिंदे को अगस्त 2024 में बदलापुर के स्कूल के शौचालय के अंदर 2 बच्चियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वह स्कूल में अटेंडेंट था। शिंदे की 23 सितंबर को पूछताछ के लिए ले जाते समय पुलिस गोलीबारी में मौत हो गई थी।
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बदलापुर स्कूल यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे की हिरासत में मौत के लिए मजिस्ट्रेटी जांच में 5 पुलिसकर्मियों को जिम्मेदार ठहराया गया है। मजिस्ट्रेट ने सोमवार को सीलबंद लिफाफे में अपनी जांच रिपोर्ट बंबई हाई कोर्ट को सौंप दी। बंबई उच्च न्यायालय शिंदे के पिता अन्ना शिंदे की याचिका पर सुनवाई कर रहा है। अन्ना शिंदे ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि उनके बेटे को पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में मार डाला। इस घटना में शामिल अधिकारियों में ठाणे अपराध शाखा के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संजय शिंदे, सहायक पुलिस निरीक्षक नीलेश मोरे, हेड कांस्टेबल अभिजीत मोरे और हरीश तावड़े व एक पुलिस चालक शामिल थे।
जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस नीला गोखले की खंडपीठ ने रिपोर्ट की जानकारी ली। बेंच ने कहा कि सरकार जांच के आधार पर मामला दर्ज करने के लिए बाध्य है। अदालत ने जानना चाहा कि कौन सी जांच एजेंसी मामले की जांच करेगी। कोर्ट ने कहा, ‘मजिस्ट्रेट ने जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में मजिस्ट्रेट इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि आरोपी अक्षय शिंदे की मौत के लिए 5 पुलिसकर्मी जिम्मेदार हैं।’ पीठ ने कहा कि कानून के अनुसार, पांचों पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए और जांच की जानी चाहिए।
'रिपोर्ट के आधार पर FIR दर्ज करने के लिए बाध्य'
अदालत ने कहा, ‘सरकार इस मजिस्ट्रेट रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए बाध्य हैं। हमें बताएं कि कौन सी एजेंसी मामले की जांच करेगी।’ पीठ ने जांच रिपोर्ट की एक प्रति अभियोजन पक्ष और अन्ना शिंदे को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा, ‘हम मूल रिपोर्ट और इसके साथ संलग्न सभी दस्तावेज और गवाहों के बयान फिलहाल अपने पास रखेंगे। अभियोजन पक्ष को मामले की जांच के दौरान बाद में इसकी जरूरत पड़ सकती है।’ अदालत ने सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर से कहा कि वह 2 सप्ताह में पीठ को बताएं कि मामले की जांच कौन सी जांच एजेंसी करेगी।
स्कूल के शौचालय में 2 बच्चियों का यौन उत्पीड़न
अक्षय शिंदे को अगस्त 2024 में बदलापुर के एक स्कूल के शौचालय के अंदर 2 बच्चियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह स्कूल में अटेंडेंट था। शिंदे की 23 सितंबर को तलोजा जेल से पूछताछ के लिए ले जाते समय कथित पुलिस गोलीबारी में मौत हो गई थी। पुलिस ने दावा किया कि उसने पुलिस वैन में मौजूद एक पुलिसकर्मी की बंदूक छीन ली, गोली चलाई और जवाबी गोलीबारी में वह मारा गया। सीनियर पुलिस निरीक्षक संजय शिंदे ने अक्षय को गोली मारी, जबकि गोलीबारी के समय वैन में एपीआई नीलेश मोरे, 2 कांस्टेबल और एक पुलिस चालक मौजूद थे। अक्षय शिंदे को उसकी पत्नी की ओर से उसके खिलाफ दर्ज कराए गए मामले के संबंध में पूछताछ के लिए ले जाया जा रहा था।
सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर विशेषज्ञ समिति गठित
पुलिस हिरासत में किसी आरोपी की मौत के मामले में कानून के तहत मजिस्ट्रेटी जांच शुरू की जाती है। हाई कोर्ट ने भी यौन उत्पीड़न मामले का स्वतः संज्ञान लिया था। साथ ही, स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों की सुरक्षा संबंधी चिंताओं के समाधान के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने का आदेश दिया था। सरकारी वकील वेनेगांवकर ने सोमवार को पीठ के समक्ष राज्य शिक्षा विभाग का हलफनामा पेश किया जिसमें घटना के बाद उठाए गए कदमों के बारे में बताया गया है। वेनेगांवकर ने कहा कि समिति की रिपोर्ट 31 जनवरी तक तैयार हो जाएगी।