Hindi Newsमहाराष्ट्र न्यूज़Ajit Pawar Big Appeal to Ladki Bahin beneficiaries says opt out scheme if earning more than 2.5 lakh annual

अगर 2.5 लाख से अधिक कमाई है...लाडकी बहिन योजना पर अजित पवार की खास अपील

  • महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने लाडकी बहिन योजना के लाभार्थियों से खास अपील की है। इसमें उन्होंने कहा है कि जो भी लाभार्थी सालाना 2.5 लाख से अधिक कमाते हैं, वह खुद इस योजना को छोड़ दें।

Deepak लाइव हिन्दुस्तान, संभाजीनगरTue, 21 Jan 2025 08:39 AM
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अगर 2.5 लाख से अधिक कमाई है...लाडकी बहिन योजना पर अजित पवार की खास अपील

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने लाडकी बहिन योजना के लाभार्थियों से खास अपील की है। इसमें उन्होंने कहा है कि जो भी लाभार्थी सालाना 2.5 लाख से अधिक कमाते हैं, वह खुद इस योजना को छोड़ दें। इसके साथ ही उन्होंने बांटने वाली राजनीति करने वालों के साथ-साथ भ्रष्टाचार पर भी कड़ी चेतावनी दी। अजित पवार ने कहाकि महाराष्ट्र हमेशा से सामाजिक समरसता और प्रोग्रेसिव विचारों को बढ़ावा देने वाला रहा है। हमारी पार्टी एकता और धर्मनिरपेक्षता के लिए हमेशा खड़ी रहेगी। उन्होंने कहाकि हम बांटने वाली राजनीति नहीं करते और किसी को भी नफरत नहीं फैलाने देंगे। एनसीपी मुखिया जालना में पार्टी के जिला कार्यालय के उद्धाटन के मौके पर बोल रहे थे।

इस बात पर जताया अफसोस
इस दौरान अजित पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं से भी खास अपील की। उन्होंने कहाकि नए सदस्यों को पार्टी की सदस्यता दिलाते समय पारदर्शिता का ख्याल रखें। खराब इमेज वाले लोगों को पार्टी से दूर रखें। डिप्टी सीएम ने दावा किया कि प्रदेश सरकार ने चुनावी वादा निभाते हुए लाडकी बहिन योजना के लिए डब्लूसीडी डिपार्टमेंट को 3700 करोड़ रुपए जारी किए हैं। उन्होंने आमजन से अपील की कि जो लोग इस योजना की क्राइटेरिया पूरी नहीं, करते उन्हें खुद से नाम वापस ले लेना चाहिए। उन्होंने कहाकि यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं के लिए है। लेकिन दुर्भाग्य है कि इनकम टैक्स भरने वाली महिलाओं ने भी खुद को इस योजना के तहत रजिस्टर करा रखा है।

अजित पवार ने कहाकि लाडकी बहिन योजना के तहत जो भी योग्य उम्मीदवार हैं, उन्हें 26 जनवरी से हर महीने 1500 रुपए मिलने लगेंगे। इस दौरान उन्होंने ईवीएम के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे विपक्षी दलों को भी आड़े हाथों लिया। अजित पवार ने कहाकि जब यह लोग कर्नाटक और पश्चिम बंगाल में चुनाव जीतते हैं तब ईवीएम की तारीफ करते हैं। लेकिन जब चुनाव हार जाते हैं तो उसी ईवीएम को दोष देने लगते हैं।

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