फिल्मी पर्दे से सियासत में एंट्री, महाराष्ट्र चुनाव से पहले एक्टर सयाजी शिंदे अजित पवार की NCP में हुए शामिल
- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एक्टर सयाजी शिंदे ने आज राजनीति के मैदान में कदम रख लिया। उन्होंने अजित पवार गुट की एनसीपी का दामन थाम लिया है।
फिल्मी दुनिया के मशहूर एक्टर सयाजी शिंदे ने आज राजनीति के मैदान में कदम रख लिया। उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अजित पवार गुट का दामन थामते हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की। सियासत में उनकी एंट्री महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पहले हुई है ऐसे में यह सवाल लाजमी है कि क्या वह सूबे में होने वाले विधानसभा चुनाव में बतौर उम्मीदवार हिस्सा लेंगे।
राजनीति में शामिल होने के बाद सयाजी शिंदे ने कहा, "मैंने फिल्मों में कई बार राजनेताओं की भूमिका निभाई है लेकिन अब तक असल में नेता नहीं बना था।" फिल्मों में अपने दमदार किरदारों और सशक्त अभिनय के लिए जाने जाते हैं सयाजी शिंदे अब अपनी छवि का इस्तेमाल महाराष्ट्र की सियासत में करेंगे।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि वे हमेशा से ही समाज सेवा और राजनीति में रुचि रखते थे लेकिन अब जाकर उन्हें सही समय और मंच मिला है। एनसीपी के अजित पवार गुट से जुड़ने पर उन्होंने कहा कि यह पार्टी उनके विचारों और सिद्धांतों के करीब है और वे इसके माध्यम से जनहित के काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। शिंदे के एनसीपी में शामिल होने पर अजित पवार ने कहा कि एक्टर अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के स्टार प्रचारक होंगे।
पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा जिले में जन्मे शिंदे ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत मराठी थिएटर से की। बॉलीवुड में उन्हें बड़ा ब्रेक 1999 की फिल्म शूल से मिला, जिसमें उन्होंने खलनायक की भूमिका निभाई। उन्होंने मराठी और हिंदी के अलावा तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, अंग्रेजी, गुजराती और भोजपुरी फिल्मों में एक्टिंग की है। राज्य मंत्री और एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा कि शिंदे की फिल्मोग्राफी मराठी, हिंदी और दक्षिण भारतीय फिल्मों तक फैली हुई है। भुजबल ने कहा, "हमें गर्व है कि वह हमारे साथ जुड़े हुए हैं। शिंदे एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं।"
सयाजी शिंदे ने अपने फिल्मी करियर में कई बार राजनेताओं का किरदार निभाया है और अब वे असल जीवन में भी इस भूमिका को निभाने के लिए तैयार हैं। अब देखना होगा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उनकी राजनीति में एंट्री अजित पवार गुट को कितना फायदा पहुंचाएगी।