भरण-पोषण के बकाया 53 लाख दिलाने के लिए कोर्ट पहुंची आसाराम की बहू, नारायण साईं पर लगाया आरोप
- आसाराम की बहू और नारायण साईं की पत्नी की वकील ने बताया, ‘हमने भरण-पोषण के मामले में जानकी की अर्जी को लेकर कुटुम्ब न्यायालय में लिखित तर्क पेश किए हैं।’
स्वयंभू संत आसाराम के बेटे नारायण साईं की पत्नी ने जेल में बंद अपने पति से भरण-पोषण की सात साल की बकाया राशि दिलवाए जाने की गुहार के साथ इंदौर के कुटुम्ब न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। महिला की वकील ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी देते हुए आरोप लगाया कि नारायण साईं ने महिला को एकबार भी भरणपोषण की राशि नहीं दी है, जिसके चलते बकाया राशि बढ़ते-बढ़ते करीब 53 लाख रुपए हो चुकी है।
कुटुम्ब न्यायालय ने साईं को 2018 में इंदौर में रहने वाली उनकी पत्नी जानकी हरपलानी को हर महीने 50,000 रुपए का भरण-पोषण खर्च प्रदान करने का निर्देश दिया था। नारायण साईं को दुष्कर्म के एक मामले में अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जिसके बाद से ही वह गुजरात के सूरत की एक जेल में बंद है।
मामले के बारे में बताते हुए जानकी की वकील वंदना परिहार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उनकी मुवक्किल की ओर से कुटुम्ब न्यायालय में दायर अर्जी में कहा गया कि पिछले सात साल से उनके पति की ओर से उन्हें भरण-पोषण की राशि अदा नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि यह बकाया रकम बढ़ते-बढ़ते करीब 53 लाख रुपए हो गई है, जिनमें अन्य खर्च भी शामिल हैं।
परिहार ने बताया, 'हमने भरण-पोषण के मामले में जानकी की अर्जी को लेकर कुटुम्ब न्यायालय में लिखित तर्क पेश किए हैं। चूंकि नारायण साईं जेल में बंद है, इसलिए हमने शीर्ष अदालत के अलग-अलग न्याय दृष्टांतों का हवाला देते हुए इस अर्जी में कुटुम्ब न्यायालय से अनुरोध किया है कि पति की चल-अचल संपत्तियों की कुर्की और नीलामी करके या इन संपत्तियों को पत्नी के नाम करके भी भरण-पोषण की राशि अदा कराई जा सकती है।’
उन्होंने बताया कि कुटुम्ब न्यायालय में इस अर्जी पर 29 जनवरी को अगली सुनवाई होनी है। उधर नारायण साईं की पत्नी जानकी ने इस मामले में अदालत से न्याय मिलने का भरोसा जताया है। जानकी ने कहा, 'कुटुम्ब न्यायालय के आदेश को सात साल बीतने के बावजूद मुझे अपने पति से भरण-पोषण की राशि नहीं मिली है। मुझे अदालत से इंसाफ मिलने का पूरा भरोसा है।'
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