जरूर जानें बच्चों में निमोनिया से जुड़ी ये बातें, इलाज कारण, और लक्षण से लेकर सबकुछ
- तापमान में गिरावट होने पर बच्चों में ठंड लगने का खतरा बढ़ जाता है। खासकर नवजात बच्चों में निमोनिया होने का चांस बढ़ जाता है। यहां जानिए बच्चों में निमोनिया से जुड़ी बातें।
जैसे-जैसे तापमान में गिरावट होती है, वैसे-वैसे ही संक्रामक बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। खासकर नवजात बच्चों में ठंड लगने की वजग से निमोनिया होने का चांस होता है। दरअसल, बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, ऐसे में उन्हें निमोनिया होने का खतरा ज्यादा होता है। वैसे तो निमोनिया एक सामान्य बीमारी है लेकिन इसके होने पर लापरवाही बरतने से दिक्कत होती है। यहां हम बच्चों में निमोनिया से जुड़ी बातें बता रहे हैं, जो आपको जरूर जाननी चाहिए।
निमोनिया का कारण क्या है?
निमोनिया फेफड़ों का एक एक्यूट श्वसन इंफेक्शन है। यह हवा में बैक्टीरिया, वायरस या फंगी से विकसित हो सकता है। जब कोई बच्चा संक्रमित होता है, तो उनके फेफड़ों में सूजन आती है और उनमें तरल पदार्थ या मवाद भर जाता है और सांस लेना मुश्किल होता है।
निमोनिया होने पर दिखते हैं ये लक्षण?
निमोनिया फेफड़ों का संक्रमण है, इसलिए इसका सबसे आम लक्षण खांसी, सांस लेने में परेशानी और बुखार है। निमोनिया से पीड़ित बच्चे तेजी से सांस लेते हैं।
निमोनिया का इलाज क्या हैं?
निमोनिया का इलाज निमोनिया के प्रकार पर निर्भर करता है। निमोनिया के सबसे ज्यादा मामले बैक्टीरिया के कारण होते हैं और इनका इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से किया जा सकता है।
निमोनिया से बचाव के लिए क्या किया जा सकता है?
कुछ तरीकों को अपनाकर निमोनिया से बचाव किया जा सकता है। नवजात बच्चों और छोटे बच्चों को स्तनपान कराना, समय पर इंजेक्शन लगवाना, साफ पानी, अच्छा पोषण और प्रदूषण से बचाव करने पर निमोनिया से बचा जा सकता है। रिपोर्ट्स से पता चलता है कि साबुन से हाथ धोने सहित अच्छी हाईजीन को बनाए रखने से बैक्टीरिया के संपर्क को कम करके निमोनिया के खतरे से बचा जा सकता है।
क्या निमोनिया संक्रामक है?
ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल रहता है कि निमोनिया संक्रामक है या नहीं तो बता दें कि ये संक्रामक है और हवा में मौजूद कणों से फैल सकता है।
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