बच्चों को लंच में बिल्कुल भी ना दें ये 5 चीजें, सेहत और दिमाग दोनों पर पड़ सकता है बुरा असर
बच्चों की फिजिकल और मेंटल हेल्थ के लिए उनके खानपान का सही होना बहुत जरूरी है। आज हम आपके कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बता रहे हैं जो आपको अपने बच्चों के लंच बॉक्स में बिल्कुल भी नहीं पैक करने चाहिए।
खाने-पीने में नखरे करना तो जैसे बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है। मजाल है कि बच्चे कोई भी हेल्दी चीज बिना नाक-मुंह बनाएं खा लें। ऐसे में बच्चों के लंच के लिए रोज-रोज कोई हेल्दी और टेस्टी डिश चुनना बड़ा ही चैलेंजिंग काम है। ऐसे ढेरों फूड ऑप्शन हैं जो आप अपने बच्चे को टिफिन में दे सकती हैं लेकिन यह जानना और भी ज्यादा जरूरी है कि कौन से फूड आइटम आपको बच्चे के लंच में बिल्कुल भी नहीं रखने चाहिए। दरअसल बच्चे की फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों के लिए अच्छा और पौष्टिक खानपान बहुत जरूरी है। वहीं अगर आप उन्हें लंच में कुछ ऐसी चीजें पैक कर के दे रही हैं, तो ये उनकी ओवरऑल हेल्थ के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है। तो चलिए आज इन्हीं फूड आइटम्स के बारे में जानते हैं, जिन्हें आपको हर हाल में अवॉइड करना चाहिए।
बच्चों के लंच में ना पैक करें इंस्टेंट नूडल्स
बच्चों को दो मिनट में झटपट बनने वाली नूडल्स का स्वाद खूब पसंद आता है। अक्सर बच्चे इन्हें टिफिन में ले जाने की जिद भी करते हैं और पैरेंट्स भी कई बार इस बारे में ज्यादा नहीं सोचते। लेकिन अगर आपको अपने बच्चे की हेल्थ प्यारी है तो उसके लंच बॉक्स में नूडल्स बिल्कुल भी पैक ना करें। मैदा और ढेरों प्रिजर्वेटिव्स से भरी नूडल्स बच्चों की गट हेल्थ और ओवरऑल सेहत के बिल्कुल भी अच्छी नहीं होती हैं। ऐसे में लंच के समय बच्चों को हेल्दी मील की जगह नूडल्स देना बहुत ही खराब ऑप्शन है।
ज्यादा तला हुआ खाना देने से भी बचें
बच्चों के लंच में ज्यादा तला हुआ खाना देने से भी परहेज करना चाहिए। रोज-रोज बच्चों के टिफिन में कचौड़ी, समोसा, फ्रेंच फ्राइज, चिप्स, पकौड़ी या फ्राइड स्नैक्स नहीं देने चाहिए। खासतौर से बाजार के बने हुए तले-भुने स्नैक्स तो बच्चों को ना के बराबर ही दें। इनमें अनहेल्दी फैट की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जो बच्चों में वेट गेन और पेट संबंधी बीमारियों का कारण बनती है। जितना हो सके, बच्चों के खाने के लिए हेल्थी कुकिंग मैथड्स जैसे ग्रिल, बॉयल, बेक और स्टीम का ही इस्तेमाल करें।
बच्चों के लंच में ना पैक करें बासी खाना
काई बार रात का खाना इतना ज्यादा बच जाता है कि पैरेंट्स उसे गर्म कर के ही बच्चों के टिफिन में पैक कर देते हैं। उस वक्त भले ही खाना फ्रेश लगे लेकिन बंद डब्बे में दोपहर आते-आते उस खाने का टेस्ट काफी खराब हो जाता है। इसके अलावा खाने की न्यूट्रीशनल वैल्यू भी काफी कम हो जाती है। हो सकता है कि दोपहर आते-आते खाना खराब भी होने लगे और बच्चा खराब खाना ही खा लें। इससे उसकी हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ेगा और खराब खाना खाने के मामले में तो फूड पॉयजनिंग का खतरा भी हो सकता है।
बच्चे को ना दें चीनी से भरे स्वीट्स
खाने के बाद बच्चा कुछ मीठा खाए इसके लिए पैरेंट्स अक्सर लंच बॉक्स में चॉकलेट, कुकीज, कैंडी या जेली जैसी मीठी चीजें पैक कर देते हैं। आप भले ही इन्हें कम मात्रा में पैक करें लेकिन रोजाना थोड़ी सी मात्रा में भी इन चीजों को खाना बच्चे की सेहत के लिए ठीक नहीं। इनके अंदर भर भरकर रिफाइंड शुगर, आर्टिफिशियल कलर और ढेरों प्रिजर्वेटिव्स मौजूद होते हैं, जो सेहत पर बुरा असर डालते हैं। बच्चे को कुछ मीठा देना ही है तो उसे फ्रेश फ्रूट्स, घर के बने लड्डू या गुड़ जैसी चीजें दे सकते हैं।
पैकेटबंद स्नैक्स और डब्बाबंद ड्रिंक्स
बच्चों की जिद और नखरों से परेशान हो कर कई बार पैरेंट्स उनके लंच में कुछ पैकेटबंद स्नैक्स जैसे चिप्स, नमकीन, क्रैकर्स या बिस्कुट वगैरह पैक कर देते हैं। जबकि यह बच्चों के लिए 'जहर' से कम नहीं। इनमें ढेर सारा अनहेल्दी पाम ऑयल, प्रिजर्वेटिव्स, आर्टिफिशियल फ्लेवर्स, ज्यादा मात्रा में चीनी, नमक और कई मसाले मौजूद होते हैं, जो बच्चों की सेहत पर नेगेटिव असर डालते हैं। इसके अलावा बच्चों को डब्बाबंद जूस और ड्रिंक्स भी नहीं देनी चाहिए। इनमें भी चीनी और आर्टिफिशियल कलर और फ्लेवर के अलावा कोई और काम की चीज मौजूद नहीं होती है।
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