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World Ovarian Cancer Day: ओवरी कैंसर होने से पहले कई बार दिखते हैं ये लक्षण, कभी ना करें इग्नोर

World ovarian cancer day 205: दुनियाभर में महिलाओं के बीच जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 8 मई को वर्ल्ड ओवेरियन कैंसर डे मनाया जाता है। जिससे कि महिलाएं समय रहते गर्भाशय के कैंसर की पहचान कर सकें क्योंकि इसमे दिखने वाले लक्षण अक्सर दूसरी बीमारियों से मिलते हैं।

Aparajita लाइव हिन्दुस्तानThu, 8 May 2025 07:31 AM
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World Ovarian Cancer Day: ओवरी कैंसर होने से पहले कई बार दिखते हैं ये लक्षण, कभी ना करें इग्नोर

महिलाओं में जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 8 मई को वर्ल्ड ओवेरियन कैंसर डे मनाया जाता है। ओवरी के कैंसर का खतरा हर दिन बढ़ता जा रहा है। सबसे ज्यादा कॉमन कैंसर में ओवरी का कैंसर आंठवे नंबर पर है। जिससे हर साल दुनियाभर में लगभग 324000 महिलाएं डायग्नोस होती है। जिनमे से 2,07000 हजार मर जाती है। इसलिए जरूरी है कि ओवरी के कैंसर से जुड़े लक्षणों और ट्रीटमेंट के बारे में जागरुकता फैलाई जाए। जिससे लाखों औरतों की जिंदगी को बचाया जा सके। शरीर में अगर ये कुछ लक्षण लगातार दिखते हैं तो इन्हें इग्नोर करने की बजाय समय पर चेकअप जरूर करा लें। जान लें कौन से हैं वो लक्षण।

ओवरी कैंसर के कॉमन लक्षण जिसे महिलाएं इग्नोर कर देती हैं

ब्लॉटिंग

अगर शरीर में लगातार ब्लोटिंग रहती है तो इस हल्के में ना लें। जरा सा खाने के बाद ही पेट भरा हुआ, टाइट सा महसूस होने लगता है, पेट बड़ा दिखता है जो किसी भी तरह से कम नहीं हो रहा है तो ये ब्लॉटिंग, कब्ज नही हैं।

पेल्विक या एब्डॉमिनल पेन

गर्भाशय के आसपास यानी कि पेट के निचले हिस्से में तकलीफ महसूस होती है, दर्द होता है या ये एरिया हर वक्त सेसेंसटिव सा महसूस होता है। तो फौरन डॉक्टर से संपंर्क करें।

खाने में दिक्कत

अगर थोड़ा सा खाना खाते ही भरा हुआ सा पेट महसूस होता है या खाने में दिक्कत होती है।

पेशाब में दिखने वाले लक्षण

अगर बार-बार पेशाब लगती है और आपको अपने पेशाब के होने के पैटर्न, कलर या किसी भी तरह का बदलाव महसूस करती हैं तो इसे जरा भी इग्नोर ना करें। बार-बार लगने वाली यूरिन को अक्सर महिलाएं यूटीआई, शुगर या डायबिटीज से जोड़कर देखते हैं लेकिन जब ओवेरियन कैंसर के सेल्स ब्लैडर वाल्स के बाहर पनपते हैं तो ब्लैडर पर प्रेशर बनता है और बार-बार यूरिनेशन की जरूरत महसूस होती है।

थकान और कमजोरी

ओवेरियन कैंसर की वजह से भी थकान और कमजोरी महसूस होती है। कैंसर के सेल्स हार्मोन लेवल्स और प्रोटीन को चेंज कर देते हैं। जिससे शरीर में सूजन होने लगती है और शरीर में दर्द बढ़ जाता है जो सहन नहीं होता।

कमर में दर्द

कमर में दर्द का कनेक्शन हर बार पोश्चर से जुड़ा नहीं होता। अगर कमर का दर्द आपके नींद और चैन को छीन रहा है तो संभल जाएं। इस तरह के दर्द को इग्नोर करने की गलती ना करें। जब पेल्विस के आसपास फ्लूइड इकट्ठा होने लगता है तो लोअर बैक के टिश्यूज में दिक्कत होती है और दर्द बढ़ता है। इसलिए असहनीय से हो रहे हमेशा के कमर दर्द को कभी भी इग्नोर ना करें।

पीरियड्स साइकल में बदलाव

अगर आपका पीरियड्स का साइकल बदल रहा है। कभी कम तो कभी ज्यादा आता है। तो डॉक्टर से इस कंसर्न के बारे में जरूर बताएं।

मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग

मेनोपॉज होने के बाद वजाइना से होने वाली किसी भी ब्लीडिंग को नॉर्मल नहीं समझना चाहिए। ये आपके ओवरी के लिए खतरे की घंटी है और डॉक्टर से संपंर्क जरूर कर लेना चाहिए।

ओवेरियन कैंसर होने के कारण

ओवेरियन कैंसर होने के कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। जिसमे से कुछ ये हो सकते हैं।

-कुछ महिलाओं के फैमिली में ओवरी, ब्रेस्ट या कोलोरेक्टल कैंसर बढ़ने के रिस्क ज्यादा होते हैं।

-ओवरी कैंसर का रिस्क उम्र बढ़ने के साथ ज्यादा होता जाता है। खासतौर पर पेरिमेनोपॉज या आफ्टर मेनोपॉज।

कभी मां ना बनना

जो महिलाएं कभी मां नहीं बनी होती या वर्जिन होती है और कभी कंसीव नहीं करती। उनमे ओवरी कैंसर के रिस्क बढ़ सकते हैं। इसका कारण है लगातार ओवैल्यूएशन की वजह से कुछ अनफर्टिलाइज्ड एग के यूटरस में रह जाना। जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

-हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी की वजह से भी ओवरी कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है। फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के दौरान हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी से ओवरी कैंसर का रिस्क बढ़ता है।

-मोटापे की वजह से हार्मोनल डिसऑर्डर होता है और थायराइड जैसी समस्या बढ़ती है तो ओवेरियन कैंसर का रिस्क हो जाता है।

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