पुरुषों से ज्यादा महिलाएं हो रही हैं डिप्रेशन का शिकार, स्टडी ने प्रदूषण को बताया वजह
- हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी, जयंती रंगनाथन
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हाल ही में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास ने एक फैसले में निर्णय दिया कि अगर पत्नी की उम्र 15 साल या उससे अधिक है, तो पति का अपनी पत्नी के साथ यौन संबंध बनाना बलात्कार नहीं माना जाएगा। ऐसे में अप्राकृतिक कृत्य के लिए पत्नी की सहमति नहीं मिलना भी महत्वहीन हो जाता है। यह केस था बस्तर जिले के एक चालीस साल के आदमी का अपनी पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का। इसकी वजह से पत्नी की मृत्यु हो गई। अंतिम सांस लेने से पहले पत्नी ने पति के विरुद्ध कार्यकारी मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया था और कहा था कि पति के कृत्य की वजह से ही उसकी यह हालत हो गई है।
इस फैसले के बाद एक बार फिर से यह बात सिद्ध हो गई है कि पितृसत्ता की जड़ें हमारे देश में कितनी मजबूत हैं। ऐसे विषयों पर अब समाज को ही आगे आना होगा। परिवारों को अपने बेटों को संवेदनशील बनाना होगा और लड़कियों को इतनी ताकत देनी होगी कि वे अन्याय का विरोध कर सकें। हमारे समाज में आज भी पति-पत्नी के निजी संबंधों पर खुलकर बात नहीं होती। लड़कियों और लड़कों को यह बताया नहीं जाता कि निजी संबंधों के दौरान उन्हें एक-दूसरे से कैसे व्यवहार करना चाहिए और शारीरिक सुख पर सिर्फ पुरुषों का हक नहीं होता। जब हमारे परिवार के लड़के समझने लगेंगे तो घरों में लड़कियों की स्थिति अपने आप बदलने लगेगी।
प्रदूषण की वजह से बढ़ रहा अवसाद
एक हालिया अध्ययन के अनुसार वायु प्रदूषण की वजह से 15 से 49 साल तक की महिलाओं में उच्च रक्तचाप और इससे भी ज्यादा अवसाद के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है। टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित इस खबर के मुताबिक प्रदूषण की वजह से दुनिया भर में तनाव और अवसाद के मामले 44 प्रतिशत तक बढ़े हैं। गौरतलब है कि महिलाएं अवसाद की चपेट में अधिक आ रही हैं। हाइपरटेंशन के बढ़ते मामलों को देखते हुए कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के डॉक्टर रोजर जॉर्ज का मानना है, स्त्रियों को वायु प्रदूषण से अधिक नुकसान होता है। इसकी चपेट में आने की वजह से उन्हें मानसिक दिक्कतें खासकर तनाव, अवसाद और हाइपरटेंशन होने लगता है।
क्या आपने मनाया गेलेंटाइन डे?
नाम से ही जाहिर है, इस संबंध वेलेंटाइन डे से जरूर होगा। ऐसा ही है। दरअसल पिछले कुछ सालों से दुनिया के कई जगहों पर वेलेंटाइन डे के एक दिन पहले गेलेंटाइन डे मनाया जाने लगा है। इस साल पिछले साल के मुकाबले ज्यादा धूमधाम से मनाया गया। अमेरिका की कॉमेडियन और अदाकारा लेस्ली नोप को यह ख्याल दसेक साल पहले आया था। बहनापा की पुरजोर वकालत करने वाली लेस्ली का मानना था कि वेलेंटाइन डे मनाने से ज्यादा जरूरी है, अपनी महिला दोस्तों के साथ एक मजेदार पार्टी करना, एक दूसरे का शुक्रिया अदा करना। उन्होंने इसी दावत के साथ अपनी मित्रों को पार्टी में आमंत्रित किया था। वहीं से इसका नाम पड़ गया गेलेंटाइन डे। फिर तो इसे और भी जगहों पर खूब धूमधाम से मनाया जाने लगा। इस साल हमारे यहां भी कुछ जगहों पर लड़कियों ने बड़े मजे से एक साथ पार्टी की और एक-दूसरे को तोहफा दिया। तो हम सबके पास मजे करने के लिए अब एक दिवस और आ गया है।
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