उदासी से लेकर बिस्तर में पड़े रहने तक कई लोग नहीं समझ पाते साइलंट डिप्रेशन के ये लक्षण
- शरीर में कोई तकलीफ होती है तो लोग तुरंत इलाज के लिए जाते हैं लेकिन मेंटल हेल्थ की दिक्कत कई बार समझ नहीं आती। यह समस्या बड़ी ना हो जाए इसलिए पहले पहचानकर इलाज जरूरी है।
डिप्रेशन का नाम सुनते ही लोगों के दिमाग में उदास या गुमसुम सा चेहरा आता है। कई बार ऐसा भी होता है कि आपके बीच हंस-बोल रहा इंसान डिप्रेस्ड हो और आपको पता भी ना चले। दुखी रहना या जीने के लिए कोई उत्साह ना होना ज्यादातर डिप्रेशन के ये लक्षण माने जाते हैं। हालांकि कुछ साइलंट लक्षण भी हैं जो इंसान के अवसाद में होने की तरफ इशारा करते हैं।
2 हफ्ते से ज्यादा वक्त तक हैं दुखी?
डिप्रेशन के लक्षण जो मन से जुड़े हैं, वे सबको पता हैं। इसमें कुछ शारीरिक लक्षण भी आपको परेशान कर सकते हैं। फिजिकल लक्षणों में अगर आप 2 हफ्ते तक दुखी और गुमसुम हैं। बार-बार रोना आता है। जो चीजें आपके लिए अहमियत रखती थीं, उनसे रुचि खत्म होना। शारीरिक लक्षणों में आपको शरीर में दर्द या कब्ज हो सकता है। शरीर में एनर्जी नहीं लगती, हर वक्त लेटे रहने का मन करता है। दिनभर सोने का मन करता है और रात को नींद नहीं आती या फिर नींद ही नहीं आ रही।
छोटी-छोटी बातों पर इमोशनल होना
वजन बढ़ना, घटना, भूख ना लगना या ज्यादा खाने लगना। छोटी-छोटी बातों पर बुरा लगना या रोना आना। कहीं कॉन्संट्रेट ना कर पाना। जिंदगी से हार मान लेना, उम्मीदें खत्म हो जाना। किसी की पर्सनैलिटी में बदलाव दिखे तो भी सतर्क हो जाना चाहिए। जैसे हमेशा बातें करने या घूमने-फिरने वाला इंसान अचानक से शांत और घर पर रहने लगे। हमेशा नेगेटिव बातें करे।
अगर आपमें या आपके आसपास किसी में ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
इन शारीरिक लक्षणों पर दे ध्यान
सिरदर्द
जबड़े टाइट होना
दिल तेज धड़कना
चेस्ट में टाइटफील होना
सुबह उठते ही वॉमिट फील होना
सुबह उठकर एसिड जैसी उल्टी होना
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