सेकेंड प्रेग्नेंसी के दौरान भी जरूरी है सेहत का ख्याल, जानें महिलाओं से जुड़ी समस्या का समाधान
हम सबके पास ढेरों सवाल होते हैं,बस नहीं होता जवाब पाने का विश्वसनीय स्रोत। इस कॉलम के जरिये हम एक्सपर्ट की मदद से आपके ऐसे ही सवालों केजवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। इस बार स्त्री रोग विशेषज्ञ देंगी आपके सवालों के जवाब। हमारी एक्सपर्ट हैं, डॉ.अर्चना धवन बजाज।
महिलाओं के शरीर की संरचना पुरुषों से बिल्कुल अलग होती है। मां बनना और इस दौरान सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है। नहीं तो मां और बच्चे दोनों की सेहत को खतरा रहता है। वहीं कई बार महिलाओं के मन में इंटीमेट एरिया की सफाई को लेकर भी कई सारे सवाल होते हैं। जिनका जवाब वो खोजना चाहती हैं लेकिन हल नहीं मिलता है। ऐसे ही सवालों के जवाब यहां आसानी से मिल जाएंगे।
मैं दूसरी बार मां बनने वाली हूं। गर्भावस्था के अभी चार माह बीते हैं। मेरी पहली प्रेग्नेंसी बहुत मुश्किल भरी रही थी। बच्चे का जन्म भी आठवें माह से पहले हो गया था। मैं जानना चाहती हूं कि मेरी दूसरी प्रेग्नेंसी पूरी तरह से सामान्य रहे, इसके लिए मैं अपनी ओर से किस तरह के कदम उठा सकती हूं?
-अमृता त्रिपाठी, गोरखपुर
पहली प्रेग्नेंसी में अगर समय से पहले बच्चे का जन्म हुआ है, तो इस बात की आशंका है कि दूसरी प्रेग्नेंसी में भी ऐसा हो। समय से पहले प्रसव के कई कारण होते हैं, जिनमें वजाइनल इंफेक्शन, प्रेंग्नेंसी के समय होने वाली डायबिटीज, पोषण की कमी और एनीमिया आदि जिम्मेदार होते हैं। समय से पहले प्रसव से बचने के लिए पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान डॉक्टरी निगरानी में रहें। साथ ही इस बात पर विशेष ध्यान दें कि अगर आपको कोई सेहत से जुड़ी समस्या है, तो उसके समाधान के लिए समय रहते उचित कदम उठाए जाएं। पहली प्रेग्नेंसी जैसे अनुभव से बचने के लिए अपने स्तर पर प्रोटीन से भरपूर डाइट का सेवन करें। आहार में एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा का भी खास ध्यान रखें। विटामिन, मिनरल्स, आयरन और विटामिन-सी से भरपूर डाइट लें। पर्याप्त मात्रा में नींद लें। नियमित व्यायाम करें, पर साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि व्यायाम ऐसे न हों, जो आपको जरूरत से ज्यादा थका दें। बहुत ज्यादा मेहनत वाले काम करने से बचें। जहां तक संभव हो, डॉक्टरी निगरानी में रहकर प्री-टर्म बर्थ की जांच के लिए जरूरी टेस्ट जैसे सर्वाइकल लेंथ एस्टीमेशन और वजाइनल स्वॉब एस्टीमेशन आदि करवाती रहें।
• मेरे प्राइवेट पार्ट्स से कभी-कभी बहुत तेज बदबू आने लगती है। मैं अपने प्राइवेट पार्ट्स की हाइजीन का पूरा ध्यान रखती हूं, फिर भी इस बदबू का कारण क्या हो सकता है? इससे छुटकारा पाने के लिए क्या किया जा सकता है?
-प्रिया कुमारी, पटना
प्राइवेट पार्ट्स से बदबू या डिस्चार्ज अमूमन फंगल, बैक्टीरियल या ट्राइकोमोनल इंफेक्शन की वजह से होता है। इसके लिए हाइजीन का ध्यान रखना सबसे जरूरी है, साथ ही यह जानना जरूरी है कि बार-बार होने वाले इस इंफेक्शन की वजह क्या है। कई बार डायबिटीज होने पर या फिर साथी से इस तरह का इंफेक्शन होने की आशंका रहती है। बदबूदार डिस्चार्ज पीरियड से पहले और उसके बाद भी हो सकता है। अगर आप टैंपून का इस्तेमाल करती हैं और अगर वह गलती से अंदर छूट गया है, तो भी इस तरह का डिस्चार्ज हो सकता है। इस समस्या से निजात पाने के तुरंत डॉक्टरी परामर्श लें। साथ ही साबुन और पानी से प्राइवेट पार्ट्स की नियमित सफाई करें। प्यूबिक हेयर यानी प्राइवेट पार्ट्स के बालों की छंटाई करें। अगर आपको डायबिटीज है, तो अपना शुगर नियंत्रित रखें। प्रोबायोटिक्स का ज्यादा सेवन करने से भी इस बदबू से छुटकारा मिलता है।
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