45 किलो वजन घटाने वाले सीईओ ने बताई अपने वेट लॉस की ट्रिक, हिम्मत हारते हैं तो जरूर पढ़ें
- 45 किलो वजन कम करने वाले राम प्रसाद ने बताया है कि उन्होंने कैसे अपनी आदतें बदलीं जिससे उनका जीने का तरीका भी बदल गया। उन्होंने अपनी वेट लॉस जर्नी का अनुभव साझा किया है जो आपके काम का हो सकता है।
फिट और हेल्दी हर कोई रहना चाहता है लेकिन लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतें बदलने के लिए सख्त अनुशासन चाहिए। अब यह डिसिप्लिन कैसे लाया जाए, यह बड़ा सवाल है। सोशल मीडिया पर एक कंसल्टिंग फर्म के सीईओ का पोस्ट वायरल है। उन्होंने बताया है कि कैसे 45 किलो वजन कम कर लिया और हेल्दी लाइफस्टाइल को कैसे अपनी आदत में ले आए। उन्होंने कुछ तरीके बताए हैं जिससे उन्होंने अपनी जिंदगी बदल दी। शुरुआत में उन्हें भी शक था कि ऐसा हो पाएगा या नहीं।
एक साथ कई बदलाव मुश्किल
फाइनल माइल कंसल्टिंग फर्म के को-फाउंडर और सीईओ राम प्रसाद ने बताया कि आदतें बनाने और मोटिवेशन में क्या ज्यादा कारगर है। वह Linkedin लिखते हैं। कई साल पहले हमने एक बेहतर डायबिटीज क्लीनिक बनाने वाले प्रोजेक्ट पर काम किया था। इसमें हमने सीखा कि जब किसी मरीज को नया-नया पता चलता है कि उसे डायबिटीज तो डॉक्टर्स उस पर कई सारी आदतें लाद देते हैं जैसे हेल्दी खाओ, दवाएं लो, टेस्ट्स करवाओ और एक्सरसाइज करो। शुरू में लोग काफी मोटिवेटेड रहते हैं लेकिन धीरे-धीरे एक साथ इतनी आदतें बदलना बोझिल हो जाता है। सबसे ज्यादा मुश्किल होता है कि पहले क्या शुरू करें।
आसान आदत बदलने से करें शुरुआत
राम प्रसाद आगे लिखते हैं, मोटिवेशन पर भरोसा करने से बेहतर ऑप्शन है धीरे-धीरे एक के बाद एक आदत डालते जाएं। सीधी भाषा में कहें तो लोगों को कहें कि सबसे पहले आसान आदत डालें। किसी के लिए यह दवा लेना हो सकता है तो किसी के लिए डायटिंग करना। पहले आसान आदत डालें। जब तक ये हैबिट ना बन जाएं दूसरी ना शुरू करें। यहां मेरी कुछ आदतें शुरू करने और उन्हें स्थाई बनने में लगने वाला समय है...
डायट से चीन हटने में लगना वक्त- 2 महीने
ब्रेकफस्ट बंद करने में लगा समय- 3 महीने
लंच बंद करने में लगा समय- 2 महीने
दिन में एक वक्त खाना (डिनर) खाने में लगा समय- 3 साल और ज्यादा
एक साल तक एक वक्त खाना खाने के बाद 60 मिनट वॉक को ऐड किया- इसको स्थाई होने में 1 साल लगा।
क्लीन खाना खाने में - 4-5 महीने
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग- 6 महीने
आदत बदलने में लग सकता है समय
राम प्रसाद ने लिखा है कि जैसा कि माना जाता है कि आदत बनने में 21 दिन लगते हैं लेकिन उन्हें लगता है कि इसमें काफी ज्यादा समय लग सकता है। जैसे वॉक को आदत में लाने में उन्हें 250 से ज्यादा दिन लग गए थे। उन्होंने यह भी बताया कि गोल किस वजह से सेट किया है यह भी मायने रखता है। जैसे उनकी एक रिसर्च में टीबी के मरीजों में जिनके ठीक होने का गोल ऊंचा था जैसे शादी करनी है या काम पर वापस लौटना है, वे दवाएं ज्यादा नियम के साथ खाते थे। जिन्हें सिर्फ टीबी ठीक करना था उनमें उतना सुधार नहीं था। राम प्रसाद ने लिखा है, मैं सिर्फ वजन कम करने से ऊंचा वेट-लॉस गोल रखता हूं।
ज्यादा देर मन ना मारें
राम प्रसाद लिखते हैं कि हमारे पास अनंत इच्छा शक्ति नहीं होती। अगर खुद को लंबे समय तक रोका जाएगा तो ब्रेकडाउन हो सकता है। इसलिए किसी रिवॉर्ड को लंबे वक्त तक मत रोकिए। जिस चीज को खाने का मन कर रहा है उसके लिए किसी बड़ी उपलब्धि का इंतजार मत कीजिए। वह लिखते है, मैं अपनी क्रेविंग को डिनर तक रोकता हूं, फिर रात में वो खा लेता हूं जो दिनभर खाने का मन कर रहा था।
कैलोरी कम करें या खाने का टाइम
राम प्रसाद ने वजन कम करने के दो तरीके बताए जिसमें 1 उनको सूट किया। कुछ लोग खाने की कैलोरी कम करते हैं, कुछ लोग टाइम रिस्ट्रिक्टेड ईटिंग करते हैं जिसमें एक दिए गए वक्त पर ही खाते हैं जैसे सिर्फ डिनर। उनके लिए दूसरा ऑप्शन काम का था। आप अपने हिसाब से चुन सकते हैं।
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